गर्मियों के इस मौसम में जितनी जरूरत सही खानपान की होती हैं उतनी ही शारीरिक व्यायाम और आसन की होती हैं जो आपके शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करें। इस मौसम में डिहाइड्रेशन के साथ ही उल्टी-दस्त, मितली, बुखार आदि समस्याओं का सामना करना भारी पड़ जाता हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आए हैं जो आपको इन गर्मियों में स्वस्थ रखने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
भुजंगासन
पेट के बल लेटें। दोनों पैरों, एडिय़ों एवं पंजों को आपस में मिलाएं और फर्श पर पैर सीधे रखें। हाथों को कंधे के सामने जमीन पर रखें। हाथों के बल नाभि से ऊपर शरीर को जितना संभव हो, ऊपर की ओर उठाएं। सिर सीधा और ऊपर की ओर रहे। इसे पांच से दस बार तक दोहराएं। इस आसन से कब्ज, गैस और अपच दूर होता है। स्त्रियों के लिए यह अत्यंत लाभदायक आसन है। पीरियड्स संबंधी गडबडिय़ों के अलावा यह वजन को नियंत्रित रखता है। कमर दर्द में भी यह राहत प्रदान करता है।
हलासन
गर्मियों में पेट संबंधी रोग बहुत परेशान करते हैं। ऐसे में हलासन योग करने से कई तकलीफों का उपचार हो सकता है। इसे सुबह-सुबह करें। फर्श पर योग मैट या चटाई बिछा लें। चटाई पर पीठ के बल सीधे सुकून और आराम से लेटें। दोनों हाथों को पैरों की सीध में सीधे रखें। धीरे-धीरे फेफडों में सांस भरें। अब पैरों और हिप्स को ऊपर उठाएं। पैर सिर की ओर ऐसे ले जाएं कि पंजे ज्ामीन को छू सकें। डेढ-दो मिनट तक इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोडते हुए पूर्व स्थिति में वापस आएं। हलासन से एसिडिटी और गैस जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
नौकासन
गर्मियों में सुस्ती, बेचैनी और आलस्य भी बहुत घेरता है। ऐसे में सुबह-सुबह नौकासन करने से पूरे दिन के लिए ऊर्जा मिलती है। यह शरीर के पूरे सिस्टम को ऐक्टिव करने में कारगर है। इसे बोट पोज भी कहते हैं। जमीन पर चटाई बिछा कर लेटें। सांस अंदर खींचें। दोनों पैरों को सीधा मिला कर रखें। हाथों को पैरों की सीध में घुटने से मिला कर रखें। अब धीरे-धीरे अपने सिर और पैरों को एक साथ ऊपर की ओर उठाएं। पैर इतने उठें कि 45 डिग्री का कोण बने। सिर को भी ऊपर की तरफ उठाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोडें और पूर्व अवस्था में लौटें। नौकासन से पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पडता है। इसे पांच से दस बार तक करें।