पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के साथ बंगाल की खाड़ी से आ रही तेज हवा ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। अगले 24 घंटे के दौरान उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमेेली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट जारी किया गया है। पर्वतीय इलाकों में बिजली गिरने के साथ ही 50 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चलने की आशंका है।
भारत का मौसम विभाग भारत में बारिश से जुड़े अलर्ट्स को 4 कलर कोडेड वार्निंग सिस्टम के रूप में दर्शाता है । ये हैं :
- ग्रीन अलर्ट
– येलो अलर्ट
- ऑरेंज अलर्ट
- रेड अलर्ट
यहाँ ग्रीन अलर्ट का मतलब है हल्की बारिश ( light Rain) जिसके लिए कोई चेतावनी नहीं दी जाती। दूसरे शब्दों में ऑथोरिटीज को कोई भी एक्शन लेने की जरूरत नही है।
येलो अलर्ट का मतलब है मॉडरेट बारिश जिस पर निगाह रखी जाती है और और ऑथोरिटीज को स्थिति के मद्देनजर अपडेट रहने को कहा जाता है।
ऑरेंज अलर्ट का मतलब है भारी से बहुत भारी बारिश ( Heavy to Very heavy rain ) और इसमें सामना करने के लिए तैयार रहने का अलर्ट जारी होता है।
रेड अलर्ट जारी करने का मतलब है भारी बारिश से बहुत भारी बारिश ( Very heavy to extremly heavy) हो सकती है जिससे बचाव के लिए एक्शन लेना होगा।
बारिश की मात्रा के हिसाब से बारिश के प्रकार का निर्धारण कैसे ?
मौसम विभाग के अनुसार , 15.6 मिलीमीटर से 64.4 मिलीमीटर की बारिश को मॉडरेट रेन कहा जाता है।
64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर तक की बारिश को भारी बारिश ( Heavy Rain ) कहा जाता है।
115.6 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर बारिश को वेरी हेवी ( Very heavy rain ) रेन कहा जाता है और 204.5 मिलीमीटर से ऊपर की बारिश को Extremely Heavy rain कहा जाता है।