वाराणसी

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लिए संयुक्त सहयोग करेंगे आइआइटी बीएचयू और डीआरडीओ

पाउडर मेटलर्जी, इलेक्ट्रानिक और फंक्शनल पदार्थ के साथ-साथ उच्च शक्ति माइक्रोवेव स्रोतों और उपकरणों के क्षेत्र में अनुसंधान में तेजी लाने के लिए भी हुई विस्तृत चर्चा

सुरेश गांधी

वाराणसी : रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आइआइटी बीएचयू और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रक्षा प्रौद्योगिकियों पर मिलकर काम करेंगे और संयुक्त सहयोग करेंगे। दोनों संस्थानों के बीच परस्पर सहयोग के लिए दो दिवसीय ब्रेनस्टोर्मिंग सत्र में सोमवार व बुधवार को विचार-विमर्श किया गया। आइआइटी बीएचयू पहले से ही स्वदेशी रूप से विकसित रक्षा प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है। संस्थान उत्तर प्रदेश रक्षा कारीडोर में एक नालेज भागीदार है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र की मेजबानी भी करता है। संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि डीआरडीओ के साथ नियोजित सहयोग से स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास से संबंधित हमारे प्रयासों को मजबूती मिलेगी। डीआरडीओ और अन्य संगठनों के साथ संयुक्त रूप से इस तरह की रक्षा संबंधी गतिविधियों का समग्र उद्देश्य भारत के रक्षा आयात को कम करने और भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनाना है। डीआरडीओ के विज्ञानी और आइआइटी के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों के बीच पाउडर मेटलर्जी, इलेक्ट्रानिक और फंक्शनल पदार्थ के साथ-साथ उच्च शक्ति माइक्रोवेव स्रोतों और उपकरणों के क्षेत्र में अनुसंधान में तेजी लाने के लिए एक विस्तृत चर्चा हुई। संयुक्त रूप से रक्षा प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक-दूसरे के हित के लिए कई क्षेत्रों की पहचान की गई है। केवल असाधारण मामलों में ही विदेशी उद्योग से रक्षा उपकरण आयात करने के भारत सरकार के निर्णय को ध्यान में रखते हुए, स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों का विकास/उन्नयन बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।

डीआरडीओ और आइआइटी बीएचयू के बीच आपसी सहयोग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस अवसर पर विचार-मंथन सत्र के दौरान डॉ. एस.वी. कामत, महानिदेशक (एनएस एंड एम), डॉ.हरि बाबू श्रीवास्तव, महानिदेशक (टीएम) और डॉ. कैलाश कुमार पाठक, निदेशक, डीआरडीओ मुख्यालय, नई दिल्ली ने 20 वैज्ञानिकों की डीआरडीओ टीम का नेतृत्व विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे डीएमआरएल हैदराबाद, एसएसपीएल, नई दिल्ली, एलआरडीई/एमटीआरडीसी, बैंगलोर और डीएमएसआरडीई कानपुर के साथ किया। आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी टीम का नेतृत्व आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के निदेशक प्रो.प्रमोद कुमार जैन ने किया। प्रोफेसर विकाश कुमार दुबे, अधिष्ठाता(आर एंड डी), आईआईटी (बीएचयू) ने सह अधिष्ठाता (आर एंड डी), डॉ संतोष कुमार के साथ इस कार्यक्रम का समन्वय किया। डीआरडीओ वैज्ञानिकों की टीम ने संस्थान के विभिन्न विभागों, सुविधाओं और प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया। आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक, प्रो. प्रमोद के. जैन ने अपनी समापन टिप्पणी में यह उल्लेख किया कि आईआईटी (बीएचयू) में यह उत्कृष्टता केंद्र भारत के माननीय प्रधानमंत्री के विजन के साथ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की लिए एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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