भारतीय उद्यमी को मिला विश्व का पहला डिजिटल वैक्सीन पेटेंट
नई दिल्ली: भारत के बायोमेडिकल टेक उद्यमी भार्गव श्री प्रकाश को डिजिटल वैक्सीन के लिए अमेरिकी पेटेंट ऑफिस से दुनिया का पहला पेटेंट दिया गया है। डिजिटल वैक्सीन एक ऐसा प्लेटफार्म है जो मेटावर्स के जरिये रियल वर्ल्ड हेल्थ इश्यूज को रोकता है। डिजिटल वैक्सीन न्यूरोकॉग्निटिव ट्रेनिंग के जरिये सकारात्मक मानव व्यवहार को लाने की कोशिश करता है और ये काम स्मार्ट फ़ोन, टैबलेट्स और अन्य ऐसे डिवाइसेज के जरिये होता है।
भार्गव श्री प्रकाश लाइफ साइंसेस स्टार्ट अप ” फ्रेंड्स लर्न ” के संस्थापक हैं जिन्हें हाल ही में डिजिटल वैक्सीन के सिस्टम और मेथड के लिए दुनिया का पहला पेटेंट मिला है।
डिजिटल वैक्सीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता और एक गेम से जुड़े मेटावर्स प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जाता है। श्री प्रकाश का मोबाइल गेम “फूया ” जो पेटेंटेड टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर विकसित किया गया है का क्लिनिकल ट्रायल 3 से 18 साल के बच्चों पर किया गया है। इस गेम में बच्चा एक सुपरहीरो होता है जो एक शैतान वैज्ञानिक के द्वारा विकसित किये गए जंक फूड से लड़ रहा होता है। जिन बच्चों ने हफ्ते में केवल 20 मिनट फूया गेम खेला उनमें तत्काल healthier food choices करने की प्रवृत्ति उभर गई और इससे पॉजिटिव हेल्थ आउटकम दिखने लगे।
डिजिटल वैक्सीन के जरिये पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस, मेन्टल डिसऑर्डर , मेन्टल हेल्थ , सेक्सुअल हेल्थ, कोविड 19 , इन्फ्लूएंजा, कार्डियो वैस्क्युलर डिजीज, हाइपरटेंशन , कुछ प्रकार के कैंसर और कॉग्निटिव बीमारियों से निपटने के लिए जरूरी behavioural intervention किये जा सकते हैं।
मेटावर्स एक एसा शब्द है जिसका मतलब एक वर्चुअल दुनिया होता हैं। मेटावर्स काफी पुराना हैं। नील स्टीफेंसन ने 1992 में अपने एक डायस्टोपियन उपन्यास “स्नो क्रैश” में इसके बारे में बताया था। स्टीफेंसन के उपन्यास में मेटावर्स का मतलब एक ऐसी दुनिया से था जिसमें लोग गेम में डिजिटल दुनिया वाले गैजेट जैसे हेडफोन और वर्चुअल रियलिटी की मदद से आपस में कनेक्ट होते हैं। मेटावर्स का मतलब एक ऐसी वर्चुअल दुनिया जिसमे आप सब कुछ कर सकते हैं। जैसे- सोपिंग करना, गेम खेलना, आदि।
वर्चुअल दुनिया में सॉफ्टवेयर , बायो मार्कर आदि के जरिये स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लोगों को सचेत कर उन्हें अच्छे स्वास्थ्य मानकों को चुनने के लिए प्रोत्साहित कर दिया जाय तो स्वास्थ्य संबंधी आदतों में अभूतपूर्व बदलाव लाये जा सकते हैं।