राष्ट्रपति चुनाव को लेकर योगी की बड़ी कामयाबी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को शानदार जीत मिली थी। इस जीत के बाद से ही उत्साहित पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी थी। इसका परिणाम उस समय दिखा जब एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू अपने चुनाव प्रचार के लिए लखनऊ पहुंचीं। लखनऊ में एक ओर जहां बीजेपी के विधायकों की बैठक में उन्होंने वोट देने की अपील की वहीं दूसरी ओर देर रात योगी के आवास पर रखे गए डिनर में कई बड़े नामों ने पहुंचकर सबको चौंका दिया। इनमें से कई लोगों ने अब चुनाव में मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद से ही अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है। शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े थे। इसलिए आधिकारिक तौर पर तो वो सपा के विधायक हैं लेकिन उनकी अपनी भतीजे से पट नहीं रही है। इसका फायदा बीजेपी ने उठाते हुए शिवपाल को साधा है। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के सम्मान में सीएम आवास पर दिए गए भोज में शिवपाल यादव की मौजूदगी ने सबको चौंका दिया। डिनर में आकर शिवपाल ने साफतौर पर संकेत दिया कि वह सपा से अलग हटकर द्रोपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे।
शिवपाल यादव की तरह ही विधानसभा में अखिलेश यादव के साथी और खास रहे ओम प्रकाश राजभर ने भी अब अखिलेश के साथ गठबंधन तोड़ने का लगभग मन लिया है। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से अखिलेश और राजभर के बीच बयानबाजी का दौर चल रहा है उससे लग रहा है कि राजभर कभी भी अखिलेश का साथ छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब सारे कयासों को दरकिनार करते हुए राजभर भी योगी के दिए गए डिनर में शामिल होने 5 कॉलीदास मार्ग स्थिति उनके आवास पहुंच गए। यह लगभग तय हो गया है कि राजभर और उनके विधायक मुर्मू का ही समर्थन करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रणनीतिक कौशल उस समय भी दिखाई दिया जब उन्होंने राजा भैया को भी साध लिया। हालांकि राजा भैया को पहले ही बीजेपी और योगी का निकट माना जाता रहा है। योगी के आवास पर राजा भैया की मौजूदगी भी इस बात का सबूत था कि उनकी पार्टी के दो विधायक एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का ही समर्थन करेंगे। हालांकि इसका उन्होंने औपचारिक तौर पर ऐलान भी कर दिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान राजा भैया और अखिलेश यादव के बीच काफी जुबानी जंग चली थी। इसके बाद ही ऐसा माना जा रहा है कि राजा भैया भी पाला बदलकर योगी खेमे में जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि वह आदिवासी समाज से जुड़ीं एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देंगी। हालांकि मायावती ने समर्थन देते वक्त यह स्पष्ट किया था कि यह समथर्न केवल द्रोपदी मुर्मू को है। वह बीजेपी की नीतियों का समर्थन नहीं करतीं। उन्होंने एक आदिवासी महिला को सपोर्ट किया है। इसकी बानगी उस समय भी देखने को मिली जब योगी के डिनर में बसपा के एकतलौते विधायक उमाशंकर सिंह भी पहुंचे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बसपा द्रौपदी समर्थन का समर्थन करेगी।