अन्तर्राष्ट्रीय

‘भारतीय’ सांसद के प्रस्ताव को मंजूरी, अमेरिका में भारत के समर्थन में ऐतिहासिक प्रस्ताव पास

वॉशिंगटन : अमेरिका में भारत को बहुत बड़ी सफलता मिली है और रूसी हथियार खरीदने को लेकर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने की आशंका के बादल अब छंट गये हैं। यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने उस कानून में बदलाव की मंजूरी दे दी है, जो काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के तहत भारत को लेकर ‘विशिष्ट छूट’ की सिफारिश करता है। यानि, सीएएटीएसए के तहत अब भारत पर प्रतिबंध नहीं लग सकता है और भारत के लिए ये एक बहुत बड़ी राहत की बात है। हालांकि, भारत ने पहले ही साफ कर दिया था, कि भारत को किसी भी देश के साथ रक्षा संबंध बनाने और हथियार खरीदने का संप्रभु हक है, लेकिन भारत के ऊपर सीएएटीएसए का तलवार लटक रही थी।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारत के समर्थन में पास किए गये इस अहम प्रस्ताव से दोनों लोकतंत्रों के बीच रक्षा संबंध और भी ज्यादा मजबूत होंगे और ये प्रस्ताव चीन जैसे हमलावरों को रोकने में मदद करता है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में इस प्रस्ताव ‘एनडीएए’ को भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना ने पेश किया था, लिहाजा, भारत के समर्थन में विशाल बहुमत के साथ ये प्रस्ताव पास किया गया है। आपको बता दें कि, रो खन्ना भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद होने के साथ साथ बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं और वो ‘हाउस आर्म्ड सर्विस एक्ट’ के सदस्य भी हैं। हालांकि, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कानून में संशोधन होने के बाद भी इसे आखिरी पड़ाव तक पहुंचने के लिए कई चरणों से गुजरना होगा और एनडीएए के सदन के पारित होने के बाद सीनेट के पास इसे भेजा जाएगा और सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे कानून माना जाएगा। हालांकि, माना जा रहा है, कि सीनेट में इसे काफी आसानी से पास कर दिया जाएगा, क्योंकि ज्यादातर सीनेटर्स, जिनमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों शामिल हैं, उनके भारत से अच्छे संबंध हैं और वो भारत समर्थक हैं।

यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से ‘एनडीएए’ कानून में संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद सांसद रो खन्ना ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, ‘यह स्मारकीय संशोधन अमेरिका और भारत के परमाणु समझौते के बाद से कांग्रेस से बाहर अमेरिका और भारत के संबंधों के लिए सबसे महत्वपूर्ण कानून है। रो खन्ना ने कहा कि, “संयुक्त राज्य अमेरिका को चीन से बढ़ती आक्रामकता का सामना करने के लिए भारत के साथ खड़ा होना चाहिए। इंडिया कॉकस के उपाध्यक्ष के रूप में, मैं अपने (दोनों) देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा हूं कि भारत, भारतीय चीनी सीमा पर अपनी रक्षा कर सके।” उन्होंने कहा कि, “यह संशोधन अत्यंत महत्वपूर्ण है, और मुझे इसे द्विदलीय आधार पर सदन को पारित करते हुए देखकर गर्व हो रहा है।”

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि, ‘भारत-प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राज्य के हितों को आगे बढ़ाने के लिए और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी महत्वपूर्ण है। और दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच यह साझेदारी महत्वपूर्ण है और भारत-प्रशांत क्षेत्रों में बढ़ते खतरों के जवाब में इसे मजबूत करना जारी रखना चाहिए, और यह एक स्पष्ट संकेत भेजना है, कि संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान किया जाना चाहिए। वहीं, एक एक्सपर्ट ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि, “यह संशोधन बाइडेन प्रशासन के लिए एक अच्छा संकेत है, कि सदन सीएएटीएसए और भारत के बारे में क्या सोचता है।” यह संशोधन कांग्रेस के सदस्यों द्वारा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक मजबूत रक्षा साझेदारी को रेखांकित करने का नवीनतम प्रयास है, जो भारत की सुरक्षा के लिए चीन के खतरे को उजागर करता है। इसके अलावा, रो खन्ना के इस संशोधन प्रस्ताव में, ‘चीन से खतरों के बीच रूसी हथियारों पर निर्भरता नाम से एक चैप्टर हैं, जिसमें कहा गया है कि, भारतीय सीमा पर चीनी आक्रामकता का गंभीर खतरा है चीन की सरकार के द्वारा भारत-चीन सीमा पर चीन अपनी सैन्य आक्रामकता को लगातार बढ़ा रहा है।’

Related Articles

Back to top button