नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले में छात्रा को डांटने पर उसके परिजनों ने स्कूल के अंदर घुसकर महिला टीचर से मारपीट की। यही नहीं इस दौरान उन्होंने उसके कपड़े फाड़ डाले। शुक्रवार की दोपहर को छात्रा के परिजनों के साथ आई भीड़ टीचर्स के कॉमन रूम में घुस आई और महिला अध्यापिका के साथ बदतमीजी की। इस दौरान उन्होंने टीचर को पीटा और उसके कपड़े तक फाड़ डाले। यह मामला शुक्रवार की दोपहर का बताया जा रहा है। हिली पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र हाईस्कूल की टीचर ने गुरुवार को क्लास में न आने को लेकर छात्रा को डांटा था और एक थप्पड़ भी लगाया था।
छात्रा ने घर जाकर यह शिकायत परिजनों से की, जिन्होंने अगले दिन भीड़ के साथ स्कूल में धावा बोल दिया। शुक्रवार दोपहर को भीड़ स्कूल में घुस आई और टीचर्स के कॉमन रूम में जाकर मारपीट की। इस दौरान भीड़ महिला टीचर को भद्दी गालियां भी दे रही थी। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। स्कूल प्रशासन की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बाद रविवार को पुलिस ने इस महिला टीचर के साथ बदसलूकी करने के आरोप में 4 लोगों को अरेस्ट किया है। इस मसले ने बंगाल में राजनीतिक मोड़ भी ले लिया है। रविवार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मांग की कि पुलिस को उन लोगों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेना चाहिए, जिन्होंने ऐसी हरकत की है।
घटना का एक वीडियो भी भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुणज्योति तिवारी ने ट्विटर पर शेयर किया है। इस घटना के बाद से स्थानीय लोग गुस्से में है और रविवार को भी उन्होंने प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस घटना को हिजाब से भी जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया, ‘मैं भी कभी टीचर था। हम भी छात्रों को अनुशासित करते थे। एक टीचर के लिए उसका छात्र सिर्फ छात्र ही होता है, कुछ और नहीं। टीचर ने छात्रा का कान पकड़ा था और इस दौरान उसका हिजाब नीचे गिर गया। इसी के चलते यह घटना हुई है।’
उन्होंने कहा कि सिर्फ इतनी सी बात पर लड़की के परिजनों ने 200 लोगों की भीड़ के साथ स्कूल में धावा बोल दिया। पुलिस ने तो इस मामले में केस तक नहीं दर्ज किया था। स्थानीय लोगों की ओर से जब हंगामा किया गया तो फिर केस दर्ज हुआ। पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मारपीट का शिकार होने वाली टीचर ने कहा, ‘छात्र जब क्लास में अनुशासनहीनता दिखाते हैं या पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते तो हम उनके कान पकड़ लेते हैं या फिर कभी एकाध थप्पड़ लगा देते हैं। अनुशासन के लिए ऐसा किया जाता है। अब इस घटना के बाद तो हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आखिर हम स्कूल के 2,000 छात्रों को कैसे अनुशासित करेंगे।’