नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था, हमारे कई समकक्ष समूहों और कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मौजूद स्थिति की तुलना में निश्चित रूप से काफी बेहतर है। राज्यसभा में मंगलवार को जरूरी चीजों के बढ़ते दाम के मुद्दे पर संक्षिप्त चर्चा के दौरान उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर कोई इनकार नहीं कर रहा है।
सीतारमण ने कहा, “हम भाग नहीं रहे हैं, हम यहां चर्चा करने के लिए हैं और और कोई भी मूल्य वृद्धि के बारे में इनकार नहीं कर रहा है।” वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति से निपटने के लिए जमीनी स्तर के इनपुट के आधार पर लक्षित ²ष्टिकोण अपनाया है, जो लगभग 7 प्रतिशत पर शासन कर रहा है।
मंत्री ने स्वीकार किया कि वैश्विक कारक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं, और कहा कि ये वास्तविकताएं हैं। वित्त मंत्री ने जीएसटी पर चर्चा करते हुए कहा कि सभी राज्य लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमत हुए हैं। मंत्री ने कहा, “जीएसटी परिषद में सभी राज्यों ने पहले से पैक, लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की, एक व्यक्ति ने इसके खिलाफ नहीं बोला।” उन्होंने स्पष्ट किया कि ढीले खाद्य पदार्थों पर कोई जीएसटी नहीं है।
उसने दोहराया कि श्मशान या मुर्दाघर पर कोई जीएसटी नहीं है। हालांकि, अगर कोई नया श्मशान खोलना चाहता है तो जीएसटी लगाया जाएगा। श्मशान घाट पर जीएसटी नहीं, सिर्फ नए श्मशान घाट के निर्माण पर टैक्स है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के बिस्तर या 5,000 रुपये प्रति दिन से कम किराए वाले आईसीयू कमरे को जीएसटी से छूट दी गई है।
उन्होंने जीएसटी से पहले और जीएसटी के बाद आवश्यक वस्तुओं पर करों की तुलना की और दावा किया कि उनकी सरकार ने कई वस्तुओं पर उपकर कम किया है। जल जीवन मिशन पर वित्त मंत्री ने कहा कि 2019 में केवल 3.2 करोड़ घरों में पाइप से पानी मिल रहा था लेकिन अब 9.6 करोड़ घरों को जल जीवन मिशन के तहत पाइप से पानी मिल रहा है।