ब्रह्माकुमारीज ने निकाली तिरंगा शांति यात्रा
विभाजन विभीषिका दिवस के उपलक्ष में हुआ कार्यक्रम, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने किया शुभारंभ
नई दिल्ली: ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में तिरंगा शांति यात्रा का आयोजन हुआ। भारत सरकार के मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने हरी झंडी दिखाकर तिरंगा शांति यात्रा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी भी उपस्थित रहे। तिरंगा शांति यात्रा ने ओआरसी से भोराकलां स्थित शहीद स्मारक तक 1 किलोमीटर की दूरी तय की। माननीय मंत्री जी, जिला पार्षद सुशील चौहान एवं बीके आशा दीदी दीदी भी यात्रा में सम्मिलित हुए।
इतिहास की गलतियों से सीखना बहुत जरूरी
दादी प्रकाशमणि ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा कि मेरे लिए आज बहुत सौभाग्य की बात है। मैं आज शक्तिशालीआध्यात्मिक ऊर्जा महसूस कर रहा हूं। माननीय मंत्री जी ने कहा कि इतिहास से सीखकर हमें गलतियों को सुधारना है। मानव को विकृतियों से मुक्त कर ही हम स्वर्णिम भारत की ओर अग्रसर हो सकते हैं। आजादी के पीछे बहुत से लोगों की कुर्बानी है, जिन्हें भुला नहीं सकते। आजादी के मतवालों के सामने एक लक्ष्य था।
समृद्ध भारत बनाने के लिए करें लक्ष्य निर्धारण
आज हमें भी एक लक्ष्य लेकर चलना है। अमृत महोत्सव के 75 वर्ष तो पूरे चुके हैं। लेकिन 100 वर्ष पूरे होने पर हमें एक लक्ष्य लेकर चलना जरूरी है। तभी हम भारत को समृद्ध भारत, सतयुगी भारत अर्थात स्वर्णिम भारत बना सकते हैं। ब्रह्माकुमारीज विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम लहरा रही है। ये एक बहुत ही महान कार्य है। आज भारत को आयुर्वेद के क्षेत्र में डब्लूएचओ ने अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी है। विश्व की सोलर पॉवर का मुख्य केंद्र भी गुरुग्राम में बनने जा रहा है। डिजास्टर मैनेजमेंट का मुख्य केंद्र भी गुरुग्राम में बनने जा रहा है। ये हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। माननीय मंत्री जी ने कहा की ये ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाओं के सदस्यों की आध्यात्मिक शक्ति का ही प्रभाव है। विश्व के तनाव को मिटाने के लिए आध्यात्मिकता ही एक मात्र उपाय है।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि तिरंगा का इतना महत्व है जो यूक्रेन जैसे देश में भी तिरंगा के आगे गोलियां नहीं चली। ब्रह्माकुमारीज पूर्वजों की विरासत को पुनः एक नया स्वरूप प्रदान कर रही है।
आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों से ही बनेगा भारत विश्वगुरु
बीके आशा दीदी ने कहा कि स्वतंत्रता सबको प्रिय है। हमें गर्व है कि हम आजादी का 75 वां दिवस मना रहे हैं।
विभाजन शक्ति को कम कर देता है। देशप्रेम, एकता, सद्भावना और ईमानदारी जैसे मूल्यों के आधार से ही हमने स्वतंत्रता प्राप्त की। स्वतंत्रता दिवस मनाना अर्थात मूल्यों को बनाए रखना। उन्होंने कहा कि आज खतरा बाहर से ज्यादा अंदर से है। आज हमें प्रतिज्ञा करनी है कि देश की अखंडता और एकता बनाए रखेंगे। साथ ही हमें हर व्यक्ति को पांच विकारों से मुक्त करना है। राष्ट्रप्रेम के साथ आध्यात्मिक शक्ति जरूरी है। तभी हमारा देश विश्व गुरु बनेगा।
बीके हुसैन ने सभी को राजयोग का अभ्यास कराया। साथ ही विभाजन के दौरान शहीद हुए लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. रूप सिंह ने सबका धन्यवाद करते हुए कहा कि राजयोग ही सभी समस्याओं का समाधान है।
कार्यक्रम का संचालन बीके फाल्गुनी ने किया। विभाजन किसी को भी प्रिय नहीं लगता। एकता में ही बल होता है।
कार्यक्रम की झलकियां
बीके रीना ने ये मेरे वतन के लोगों, कर चले हम फिदा जैसे देशभक्ति गीतों से सबको भाव विभोर कर दिया।