उत्तराखंड

उत्तराखंड में महिला अपराध के मामले पर एनसीआरबी का डेटा जारी

( महिला सुरक्षा उपायों को सफल बनाने के पुरजोर प्रयास में लगी है धामी सरकार )

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो जो देश के सभी राज्यों ,केंद्र शासित प्रदेशों में अलग अलग प्रकार के अपराधों पर डेटा इकट्ठा करता है , ने अपनी नई रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में महिलाओं के प्रति अपराधों में वृद्धि हुई है। लेकिन यह भी सच है कि अभी मुख्यमंत्री धामी को मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए थोड़ा ही समय हुआ है और उन्होंने रणनीतिक स्तर पर महिला सुरक्षा उपायों को सफल बनाने के पुरजोर प्रयास में प्रशासनिक , पुलिस मशीनरी को लगा दिया। एनसीआरबी के आंकड़ों और निष्कर्ष को ध्यान में रखकर महिला सुरक्षा की दिशा में अधिक सक्रियता से कार्य करने की प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री धामी जाहिर कर चुके हैं।

एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं कि उत्तराखंड में दुष्कर्म के मामले साल 2020 में जहां 487 थे वहीं साल 2021 में बढ़कर यह आंकड़ा भी 534 पहुंच गया। उत्तराखंड में अपहरण के मामले में भी वृद्धि देखी गई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो कहता है कि 2020 में राज्य में अपहरण के 349 मामले थे जो साल 2022 में बढ़कर 402 हो गए। रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में महिलाओं पर हुए जुर्म के कुल 2846 मामले पंजीकृत हुए। साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 3431 हो गया। यानी 585 अपराध जल्दा हुए।

इस रिपोर्ट में उत्तराखंड के संबंध में एक सकारात्मक बात दर्ज की गई है और वो है उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के मामलों में कमी दर्ज की गई है। जिन घरों में महिलाओं को दहेज व छोटी चीजों के लिए परेशान होना पड़ता था। वह सुधार की राह पर हैं। हालांकि लाकडाउन में घरेलू हिंसा के मामले ज्यादा सामने आए हैं। उत्तराखंड में हत्या के मामलों में वृद्धि हुई है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में 181 लोगों की हत्या हुई। साल 2018 में 211, साल 2019 में 199, साल 2020 में 160 व 2021 में 208 लोगों की हत्या हुई है।

महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है धामी सरकार :

भले ही एनसीआरबी ने रेप और अन्य महिला अपराधों के मामले में उत्तराखंड में मामलों की वृद्धि का आंकड़ा दिया है लेकिन यह भी सच है मुख्यमंत्री बनने के बाद इतने कम समय में पुष्कर सिंह धामी ने महिला सुरक्षा की दिशा में हर समय अपनी संवेदनशील दृष्टि प्रदर्शित की है। पहली बार मुख्यमंत्री बनते ही पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौरा शक्ति एप का शुभारंभ किया था। इसके साथ ही उन्होंने पब्लिक आई नाम से भी एक एप का शुभारंभ किया था। इस एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति पुलिस को अपराध के बारे में फोटो और वीडियो सहित शिकायत कर सकता है। 

धामी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गौरा शक्ति एप पर उत्तराखंड की महिलाएं अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। इसमें महिलाओं से संबंधित आईपीसी की धाराएं, पोक्सो अधिनियम, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, साइबर अपराध, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम और कार्यस्थलों पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम की जानकारी विस्तार से दी गई है। महिलाएं डायल 112 पर सीधे कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

धामी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि सोशल मीडिया पर अधिकारियों से महिलाओं द्वारा संपर्क किया जा सके। जिलेवार सभी अधिकारियों के व्हाट्एसप नंबर और अन्य सोशल मीडिया एड्रेस गौरा एप के सोशल मीडिया कॉलम में दिए हुए हैं। साथ ही जिलेवार सभी अधिकारियों के संपर्क नंबर भी एक क्लिक पर कांटेक्ट सेक्शन में देखे जा सकते हैं। 

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