नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों ने कथित तौर पर महत्वपूर्ण हस्तियों पर हमले करने के लिए 120 करोड़ रुपये की बड़ी राशि एकत्र की थी।
ईडी के सूत्रों ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पीएफआई के रडार पर थे, जिसने जुलाई 2020 में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री पर हमला करने की योजना बनाई थी। हालांकि, किसी कारण से, पीएफआई ने योजना को आगे नहीं बढ़ाया।
सूत्रों ने दावा किया कि पीएफआई सदस्यों ने मोदी पर हमले को अंजाम देने के लिए एक आतंकी शिविर आयोजित करने की भी योजना बनाई थी।
सूत्रों ने बताया कि पीएफआई ने हमले को अंजाम देने और देश में अशांति और दंगा जैसी स्थिति पैदा करने के लिए करीब 120 करोड़ रुपये एकत्र किए।
ईडी ने केरल से पीएफआई के एक सदस्य शफीकुर पायथ को गिरफ्तार किया था, जिसे शुक्रवार को लखनऊ की एक विशेष अदालत में पेश किया गया था। ईडी के रिमांड पेपर, जिसे आईएएनएस ने एक्सेस किया है, में कहा गया है कि पीएफआई महत्वपूर्ण हस्तियों पर हमले करने की योजना बना रहा था।
रिमांड पेपर में कहा गया है, “पिछले कुछ सालों में पीएफआई ने विदेशों से आने वाली नकदी समेत करीब 120 करोड़ रुपये जुटाए। नकदी पीएफआई के विभिन्न बैंक खातों में जमा की गई।”
इसमें कहा गया है कि धन का कुछ हिस्सा कथित तौर पर 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में इस्तेमाल किया गया था। इस पैसे का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में अशांति पैदा करने और आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए भी किया जाना था।
सूत्रों ने यह भी कहा कि खाड़ी देशों में पीएफआई के सक्रिय सदस्य हैं।