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अभी भारत नहीं लौट सकते विदेशों में फंसे भारतीय

नयी दिल्ली: कोविड 19 की वैश्विक महामारी के बीच भारत से 48 देशों के करीब 35 हजार विदेशी नागरिकों को निकाला जा चुका है जबकि विश्व के 53 देशों में कोरोना विषाणु से संक्रमित 3336 लोगों तथा अन्य गैर संक्रमित हजारों भारतीयों के स्वदेश लौटने का रास्ता अभी तक साफ नहीं हुआ है।
सूत्रों ने आज यहां बताया कि कोविड 19 वैश्विक महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से विदेश मंत्रालय ने गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्य सरकारों विशेष कर राज्य पुलिस बल की मदद से 48 देशों के करीब 35 हजार लोगों को स्वदेश भेजा है।

उन्होंने यह भी बताया कि विश्व के 53 देशों में 3336 भारतीय नागरिकों को कोरोना विषाणु से संक्रमित पाया गया है। इसके अलावा इस महामारी की चपेट में आकर 25 भारतीयों की विदेश में मौत भी हुई है। उन्होंने कहा कि जहां तक उनकी स्वदेश वापसी का सवाल है, उस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। हालांकि भारतीय मिशन इस बारे में संबंधित देशों की सरकारों के संपर्क में हैं।

एक सवाल पर उन्होंने माना कि ब्रिटेन में कुछ लोग लघु अवधि वाले वीसा पर आधिकारिक कार्य से गये थे लेकिन वे वहां फंस गये हैं, पर उनकी वापसी की योजना के बारे में अभी कुछ कहने की स्थिति नहीं है। सरकार की कोशिश है कि वहां छूट मिलने पर जितना जल्दी संभव हो सके, उन्हें निकाला जा सके।
पाकिस्तान के 180 नागरिकों को स्वदेश भेजने के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि उनमें से कुछ को भेजा जा चुका है और बाकी को भेजने की प्रक्रिया चल रही है।

विदेशों में भारत में बनने वाली हाइड्रोक्लोरोक्वीन और पैरासीटामॉल दवाओं की मांग और उनको आपूर्ति के बारे में सवालों के जवाब में सूत्रों ने कहा कि अब तक कुल 55 देशों को ये दवायें देने की मंजूरी दी गयी है जिनमें से 21 देशों को कम मात्रा में अनुदान के रूप में प्रदान की गईं हैं जबकि बाकी देशों को वाणिज्यिक आधार पर देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत में घरेलू मांग के आकलन एवं उस हिसाब से पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद ही निर्यात किया जा रहा है।

देश में टेस्टिंग किट एवं पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट किट के आयात के बारे में एक सवाल के जवाब में सूत्रों ने कहा कि चीन से साढ़े छह लाख किट्स आज भी भारत पहुंचने वाली हैं। इसके अलावा दक्षिण कोरिया, जर्मनी, ब्रिटेन, मलेशिया, अमेरिका, जापान आदि देशों में आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति के बारे में वहां स्थित भारतीय मिशन काम कर रहे हैं और वहां से भी जल्द आपूर्ति आरंभ हो जाएगी। पीपीई की एक बड़ी खेप देश में जल्दी पहुंचने वाली है।

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