LAC-LOC पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने भारतीय सेना तैयार, रख रही कड़ी नजर
नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने चीन और उसके सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि भारतीय सेना आधुनिकीकरणऔर दुश्मनों की आक्रामक कार्रवाइयों से पैदा होने वाले सभी सैन्य खतरों के लिए तैयार है। सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) व नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित करने की भारत की इच्छा के अनुरूप तैयारियों को कायम रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों की लगातार निगरानी और समीक्षा करती है। रक्षा मंत्रालय ने सालाना समीक्षा में बताया है कि एलओसी पर बीते साल फरवरी से भारत-पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम की समझ के साथ स्थिति अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण (peaceful) रही। रक्षा मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान ने छद्म युद्ध बुनियादी ढांचे को बरकरार रखा है। सक्रिय आतंकी ट्रेनिंग कैंप, लॉन्च पैड्स में आतंकियों की मौजूदगी और लगातार घुसपैठ के प्रयास पड़ाेसी देश की नापाक मंशा को साबित करते हैं। यही नहीं, पाकिस्तान नशीले पदार्थों की तस्करी वाले गिरोहों की मदद से देश के युवाओं को गुमराह करने की साजिश भी रचता रहा है। सीमापार से इन युवाओं को आतंक की राह पर धकेलने के लिए हथियार भी मुहैया कराए जाते हैं।
ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण के सफल परीक्षण, पृथ्वी-द्वितीय मिसाइल, अग्नि-4 और अग्नि-3 मिसाइलों के प्रक्षेपण से सेना और ताकतवर हुई है। समीक्षा में पनडुब्बी (submarine) से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल आईएनएस अरिहंत के साथ स्वदेशी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलिना’ के सफल परीक्षण का भी जिक्र है। 2020 में 4645 संघर्ष विराम उल्लंघन की तुलना में फरवरी 2021 के बाद से तीन ही ऐसी घटनाएं हुईं। इसमें 2022 में सिर्फ एक बार सीमापार से गोलीबारी हुई।
एलओसी पर इस साल पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ की 12 कोशिशों को सेना ने नाकाम किया। इस दौरान 18 आतंकियों को ढेर किया और भारी मात्रा में हथियार कब्जे में लिए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते और भावी खतरों की लगातार समीक्षा करते हुए सेना ने लगातार उग्रवाद-विरोधी और आतंकवाद-रोधी अभियानों को अंजाम दिया है और उच्च प्रशिक्षण मानकों को बरकरार रखा है।
सेना में सुधारों पर रक्षा मंत्रालय ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सेना के सभी स्वरूपों को एक एकीकृत युद्ध समूह (आईबीजी) मॉडल पर चरणबद्ध तरीके से एकजुट रखा जाएगा। आईबीजी अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है और चरण 1 पूरा होने के करीब है। इसके तहत, सेना के लक्ष्य बल के विभिन्न नियामकों को नए गठन में एकीकृत किया गया है जिसमें तोपखाने की बंदूकें, टैंक, वायु रक्षा और रसद तत्व शामिल होंगे।