चीन में लूनर न्यू ईयर को लेकर सरकार अलर्ट, कोरोना संक्रमण रोकने की कोशिश में जुटा
नई दिल्ली : चीन को पिछले कुछ समय से कोरोना महामारी से जुड़ी खबरों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मसार की स्थिति का सामना करना पड़ा है. वह महामारी पर नियंत्रण की कोशिश में जुटा हुआ है. चीन अब कोविड महामारी को नियंत्रित करने के तमाम उपायों के बाद इस महीने चंद्र नव वर्ष पर बड़ी संख्या में लोगों के यात्रा करने के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम से कम करने के लिए प्रयासरत है.
परिवहन मंत्रालय की ओर से आज शुक्रवार को यात्रियों खासकर बुजुर्ग लोगों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बीमार लोगों से यात्रा कम करने और भीड़ ना लगाने की अपील की गई. उप मंत्री शू चेंगुआंग ने संवाददाताओं से कहा, “सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर रहे लोगों को मास्क लगाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए.”
नागरिकों से पूरी तरह से घर पर रुकने की अपील बंद कर दी गई है जैसा कि सरकार ने यह महामारी की शुरुआत में ही किया था. हालांकि कुछ स्थानीय सरकारों ने प्रवासी श्रमिकों से घर नहीं लौटने का आग्रह किया है. चीन सरकार ने आर्थिक दुष्प्रभाव की बढ़ती चिंताओं और कहीं-कहीं पाबंदियों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच दिसंबर में अचानक लॉकडाउन, प्रथकवास और सामूहिक जांच की व्यवस्था खत्म कर दी थी. इसके बाद देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में तेजी आ गई.
चीन रविवार को विदेश से आने वाले नागरिकों को अनिवार्य रूप से पृथकवास में भेजने की व्यवस्था को भी खत्म कर रहा है. दुनियाभर में चीन से आने वाले यात्रियों की कोविड जांच अनिवार्य करने वाले देशों की संख्या बढ़ रही है. इन देशों का कहना है कि चीन महामारी के और खास तौर पर कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के बारे में पर्याप्त जानकारी साझा नहीं कर रहा है जिसकी वजह से उन्हें चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड जांच अनिवार्य करना पड़ रहा है.
दूसरी ओर, राजधानी बीजिंग में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में बिस्तरों की कमी हो गई है और मरीजों को अस्पताल के गलियारों में स्ट्रेचर या व्हीलचेयर पर बैठकर ऑक्सीजन लेते देखा जा सकता है. शहर के पूर्वी इलाके में स्थित चुइयांग्लु अस्पताल गुरुवार को नए मरीजों से भरा हुआ था. मध्याह्न तक अस्पताल में सभी बिस्तर भर चुके थे लेकिन एम्बुलेंसों से यहां मरीजों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी था.
अस्पताल के नर्स और चिकित्सक उन मरीजों की जानकारी लेने के लिए तत्काल आगे बढ़े जिन्हें चिकित्सा सहायता की नितांत आवश्यकता थी. चीन के अस्पतालों में मरीजों की यह बाढ़ दरअसल करीब तीन सालों से चल रही उसकी शून्य कोविड नीति के तहत लागू पाबंदियों को हटाने के बाद आई है। इन पाबंदियों के तहत लॉकडाउन चल रहा था, यात्राओं पर पाबंदी थी और स्कूल तक बंद थे. इनका अर्थव्यवस्था पर काफी दबाव था और इसके विरोध में लोग सड़कों पर प्रदर्शन के लिये भी उतरे थे.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन इसी महीने या अगले महीने बीजिंग के अपने पहले दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान वे चीन के नवनियुक्त विदेश मंत्री किन गैंग से मुलाकात करेंगे.