छत्तीसगढ़ में ढाई करोड़ लोग हैं मेरे हाथ-पैर: अजीत जोगी
रायपुर. छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बुधवार शाम तिल्दा नेवरा के चिचोली में अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मेरे पैर नहीं चल रहे हैं, लेकिन वे लोग नहीं जानते कि मेरे कितने पैर हैं. छत्तीसगढ़ में ढाई करोड़ लोग हैं और यही मेरे हाथ-पैर हैं.’
पूर्व मुख्यमंत्री ग्राम चिचोली में बुधवार को आयोजित गुरु घासीदास जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने जनता से सवाल करते हुए कहा, “बताओ, मेरे कितने पैर हैं?” तब लोगों ने कहा, “पांच करोड़.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने टेप कांड और अमित जोगी को पार्टी से निष्कासित किए जाने के संबंध में कहा, “मेरे और अमित के खिलाफ साजिश रची गई थी. नया टेप कांड आ गया है, जिसमें इस साजिश का पर्दाफाश हो गया है.”
जोगी ने प्रदेश की रमन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नस्ल को बर्बाद करने की साजिश चल रही है. इसी साजिश के तहत गांव-गांव में शराब बेची जा रही है, ताकि यहां के बच्चे पढ़-लिख कर आगे न बढ़ पाएं.
उन्होंने छत्तीसगढ़ी दोहा ‘कृष्ण राज म मिले दूध-दही, अऊ राम राज म मिले घी. रमन राज म मिले दारू, जेला चाउर बेच-बेच के पी’ के माध्यम से रमन सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “यहां लबरा मन के राज चलथ हवे.”
जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को केवल शराब दी जा रही है, जिसे पी-पीकर यहां की युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है. यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है, ताकि यहां के लोग शिक्षा पाकर आगे न बढ़ पाएं.
उन्होंने गुरु घासीदास के संदेश ‘मनखे-मनखे एक समान’ का उल्लेख करते हुए कहा कि आज से 250 साल पहले इस साजिश को गुरु घासीदास बाबा समझ गए थे. इसीलिए उन्होंने लोगों को सतनाम का संदेश दिया था. उनके सात संदेशों में एक संदेश यह भी था कि आप लोग मदिरापान से दूर रहें और बच्चों की शिक्षा पर जोर दें.
अजीत जोगी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा, “मेरे पिता भी एक मजदूर थे. उन्होंने मजदूरी कर हम आठ भाई-बहनों को पढ़ाया-लिखाया. आज के समय में लाठी, तलवार, भाले से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है. केवल शिक्षा के हथियार से ही गरीबी की लड़ाई लड़ी जा सकती है.”