नई दिल्ली: जनवरी के महीने में आम तौर पर जबरदस्त ठंड पड़ती है। पहाड़ों में बर्फ गिरती है और मैदानी इलाकों में शीत लहर के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुहाल हो जाता है। इस साल जनवरी में ठंड तो नहीं पड़ी, लेकिन गर्मी ने पिछले 20 साल के रिकॉर्ड जरूर तोड़ दिए हैं। दिल्ली सहित कई मैदानी इलाकों में तो लोगों को ढंग से गर्म कपड़े निकालने की भी जरूरत नहीं पड़ी।
जनवरी में राजधानी दिल्ली का सामान्य उच्चतम तापमान 20 डिग्री माना जाता है, लेकिन यह अब तक लगातार 22 से 27 डिग्री के बीच बना रहा है। शुक्रवार सुबह जरूर तापमान में कुछ गिरावट देखने को मिली और यह सामान्य के करीब पहुंच गया।
बता दें हमारी प्यारी धरती ने पिछले साल दिसंबर और नवंबर में भी गर्मी का नया रिकॉर्ड बनाया था। साल 2015 को आधुनिक इतिहास का सबसे गर्म साल माना जा रहा है।
नेशनल ओश्यनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने दिसंबर में अपनी मासिक जलवायु रिपोर्ट में बताया था कि पिछले 136 साल में नवबंर 2015 में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। इसी के साथ यह 2015 का लगातार सातवां महीना रहा, जब गर्मी का रिकॉर्ड टूटा।
20वीं सदी के औसत के मुकाबले नवंबर 2015 में पूरी दुनिया में धरती और समुद्र तल पर तापमान 0.97 डिग्री सेल्सियस (1.75 डिग्री फारेनहाइट) ज्यादा दर्ज किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि 1880 से 2015 बीच नवंबर में यह सबसे अधिक दर्ज तापमान है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती का तापमान लगातार बढ़ने की वजह इंसान की हरकतें हैं। जीवाश्म ईंधन के जलने से वातावरण में ग्रीनहाउस गैसें छोड़ी जा रही हैं, जिससे गर्मी लगातार बढ़ रही है। इस मौसम में उच्च तापमान के लिए अल-नीनो इफेक्ट को भी जिम्मेदार माना है।