चिटफंड कंपनी की दगाबाजी से किया था सुसाइड, परिजनों को अब तक नहीं मिला इंसाफ
दुर्ग. छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के भिलाई में चिटफंड कंपनी की प्रताड़ना से तंग आकर दो बच्चों के साथ आत्महत्या करने वाले दंपत्ति के परिजनों को अब तक इंसाफ नहीं मिला है. एक साल से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से आरोपी बाहर हैं.
दरअसल, गुरूनानक नगर में 25 दिसंबर 2014 को एक दंपत्ति ने चिटफंड कंपनी के प्रताड़ना से तंग आकर अपने दोनों बच्चों को जहर देकर पत्नी के साथ फांसी लगा ली थी. इस हादसे में छह साल का मासूम ही बच पाया था, बाकी तीन की जान चली गई थी.
मृतक मनीष जायसवाल ने 16 लाख रुपए का कर्ज लेकर दिल्ली के सिटीजन फाइसेंस कंपनी को दिया था. बाद में पूरा पैसा देने के एवज में चिटफंड कंपनी ने मनीष से 3 लाख रुपए की और मांग की थी. ऐसा नहीं करने पर कंपनी ने पूरा पैसा डूब जाने की धमकी दी.
कंपनी की ओर से लगातार मानसिक दबाव बनाने पर तंग आकर मनीष ने अपनी पत्नी संध्या जायसवाल के साथ बच्चों को जहर खिलाकर फांसी लगा ली. इसके बाद फर्जी चिटफंड कंपनी के संचालक के खिलाफ वैशालीनगर चौकी में मामला दर्ज है.
हालांकि, घटना के एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस मुख्य आरोपियों हरविंदर और अशोक तक पहुंच नहीं पाई है. कार्रवाई के नाम पर केवल कनिष्ठ कर्मचारी नितिन को ही कुछ महीने पहले गिरफ्तार किया था.
ऐसे में पीड़ित केपरिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाया है. उन्होंने आरोपियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है.
इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चिटफंड कंपनी के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कई बार पुलिस की टीम दिल्ली भेजी गई है. हम दिल्ली क्राइम ब्रांच से भी सहायता लेने के लिए कदम उठा रहे हैं. आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.