लुधियाना: गैस रिसाव के मामले में शुरू से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि यह गैस का रिसाव सीवरेज से हुआ है। हादसे के बाद कई एक्सपर्ट और एन.डी.आर.एफ. के अधिकारी भी पहुंचे । बठिंडा से आई एन.डी.आर.एफ. की स्पैशल टीम के पास एयर क्वालिटी चैक करने की डिवाइस और गैस डिटैक्टर था। टीम ने घटनास्थल के आसपास एयर क्वालिटी चैक की और सभी सीवरेज के ढक्कन खोलकर अंदर जांच की। डिवाइस की जांच से हैरान करने वाली बात सामने आई। डिवाइस के सैंसर में हाइड्रोजन सल्फाइड की मात्रा अधिक पाई गई है। वैसे, अभी तक कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला गया है। नगर निगम की टीम ने भी सभी सीवरेजों में एक सफेद रंग के पाऊडर वाला पानी डाला है। यह पाऊडर गैस को कम करने के लिए डाला गया है।
विशेषज्ञ डॉ. बलविंदर सिंह औलख का कहना है कि जो हालात अभी तक देखे गए हैं, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मिथेन गैस में कोई कैमीकल मिक्स हुआ है। सीवरेज में मिथेन गैस पाई जाती है। एल्यूमीनियम फॉस्फेट और जिंक फॉस्फेट जैसे पदार्थ फैक्ट्रियों से निकलते हैं। जब वे मिथेन के साथ मिक्स होते हैं तो जहरीली गैस बनती है जो काफी तेजी से फैलती है। उन्होंने कहा कि यह सीधे दिमाग या फिर फेफड़ों पर असर करती है जिससे सांस आना बंद हो जाती है। इस जहरीली गैस को फैस्टथीन गैस भी कहा जा सकता है। किसी व्यक्ति की ओर से गैर-कानूनी तरीके से कैमीकल वेस्ट डाला गया होगा जिस कारण जहरीली गैस बनी और उसने सीवरेज के टूटे हुए मेन ढक्कन से निकलकर कुछ मीटर तक आसपास फैलकर लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।