उत्तराखंड

विश्व पर्यावरण दिवस पर गंगोत्री में चला वृहद गंगा स्वच्छता अभियान, तट पर दिलाई गई गंगा शपथ

देहरादून: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मां गंगा के गांव गंगोत्री में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा विचार मंच उत्तराखण्ड ने ITBP महिडांडा की 35 वीं वाहिनी के 50 जवानों, सीमा सड़क संगठन के 20, वन विभाग गंगोत्री नेशनल पार्क के 31 वन कर्मियों, गंगोत्री नगर पंचायत गंगोत्री के 30 कर्मचारियों, जिला प्रशासन व मंदिर समिति गंगोत्री के कार्यकर्ताओं के साथ मां गंगा के तट पर वृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अभियान में आज गंगा में विसर्जित किया गए वस्त्रों, पुराने कपड़ों वा प्लास्टिक की खाली बोतलों, चूड़ी बिंदी लिपिस्टिक आदि के 12 बोरे एकत्रित किया गए। नदी की बीच धारा में फंसे वस्त्रों को लंबे लंबे हुक लगे बांस से किनारे खींचा गया। जो नहीं निकले उन वस्त्रों को काटकर निकाला गया।

पूर्व से ही तय कार्यक्रम के तहत गंगा विचार मंच उत्तराखण्ड ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर मां गंगा के उदगम गंगोत्री में “संयुक्त वृहद गंगा स्वच्छता अभियान” चलाया गया और मां गंगा जी के तट पर गंगा शपथ दिलवाई गई। गंगा विचार मंच उत्तराखण्ड के प्रांत संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर मां गंगा के उदगम गंगोत्री में “संयुक्त वृहद गंगा स्वच्छता अभियान” में गंगोत्री मंदिर समिति गंगोत्री, भारतीय तिब्बत सेना पुलिस 35 वीं वाहिनी, जिला प्रशासन, नगर पंचायत गंगोत्री, उत्तरकाशी पुलिस, सीमा सड़क संगठन उत्तरकाशी, गंगोत्री नेशनल पार्क, वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी वा जवान, पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवम गंगा प्रहरियों को गंगा विचार मंच के प्रांत संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने गंगा तट पर दिलाई गंगा शपथ दिलवाई।

कार्यक्रम में भारतीय तिब्बत सेना पुलिस 35 वीं वाहिनी के डिप्टी कमांडेंट अमित कुमार, असिस्टेंट कमांडेंट राजन कुल्लू, इंस्पेक्टर अमर सिंह रंजीत, राजेश दलाल, सब इंस्पेक्टर केशव प्रसाद, शीसपाल ,कबीर नेगी देवेन्द्र सिंह,वा वन विभाग से गंगोत्री नेशनल पार्क रेंजर प्रताप पंवार, बी आर ओ से एस डी ओ प्रभात कुमार शर्मा , दिनेश, सतीश कुमार, भीकम सिंह, संतोष कुमार, यात्रा मजिस्ट्रेट रमेश नौटियाल, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, गंगोत्री के गंगा विचार मंच के जिला संयोजक अशोक सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

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