ब्रिज की लम्बी उम्र के लिए लग रहा स्पेशल स्वदेशी फाइबर, जानें खासियत
नोएडा : एक तरफ बिहार के खगरिया, अगुआनी, सुल्तानगंज के बीच 1700 करोड़ की अधिक लागत से बनने वाला पुल की नदी में समा गया. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से सटे नोएडा एनसीआर का दूसरा सिग्नेचर ब्रिज बन रहा है, जिसे मजबूती देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. इसके बनने का इंतजार पूरा नोएडा कर रहा है.
नोएडा अथॉरिटी के अनुसार, अगले एक हफ्ते में यह सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा और आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. यह ब्रिज बहुत ही खास है. इसमें एक ऐसा फाइबर लगा है जिससे ब्रिज में कभी पानी नहीं रिसेगा.
परथला सिग्नेचर ब्रिज (परथला सेतु) के इंजीनियर अमन बताते हैं कि कोई भी ब्रिज बनता है तो वो सालों साल के लिए बनता है. ऐसे में वो कई सालों तक पानी को झेलता है. जिस कारण ब्रिज में सीलन आ जाती है, उसी सीलन से बचाने के लिए परथला सिग्नेचर ब्रिज पर एक स्पेशल तरह का प्रोटेक्ट चढ़ाया गया है. उसे एक्टैक्टिक पॉलीप्रोपाइलीन कहते हैं. अमन बताते हैं कि यह पूरे ब्रिज में 4000 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में लगाए गए हैं.
ये नोएडा की ही एक कंपनी से मंगवाया गया है यानी शतप्रतिशत स्वदेशी सामान का इस्तेमाल किया गया है. वो बताते हैं कि एक्टैक्टिक पॉलीप्रोपाइलीन के ऊपर में कोलतार बिछाया जाएगा. जिससे पानी ब्रिज के भीतर नहीं जा पाएगा. इससे ब्रिज की उम्र भी बढ़ेगी. परथला सेतु के बन जाने से नोएडा दिल्ली के बीच यात्रा करने वालों को आसानी होगी. दिल्ली, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा आसान हो जाएगी. यह ब्रिज 687 मीटर लम्बा है और 80.54 करोड़ की लागत से बनाया गया है.