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जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर सियासी उठापटक जारी

102089-mehbuba-muftiदस्तक टाइम्स एजेन्सी/ श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सियासी उठापटक के बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सरकार गठन को लेकर जल्दबाजी में नहीं हैं। पीडीपी सूत्रों के मुताबिक वह सरकार को लेकर कोई खतरा नहीं उठाना चाहती। वहीं भाजपा का कहना है कि सरकार बनाने में देरी करके पीडीपी उनके धैर्य की परीक्षा ले रही है।

मालूम हो कि सात जनवरी को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया है। माना जा रहा है कि इसके पीछे महबूबा का भाजपा के प्रति अविश्वास है। सूत्रों के मुताबिक, महबूबा सरकार बनाने से पहले भाजपा आलाकमान से सभी मुद्दों पर स्पष्ट बातचीत कर लेना चाहती है। जब तक उन्हें भाजपा को लेकर भरोसा नहीं होगा वह सरकार बनाने की पहल नहीं करेंगी।

महबूबा ने इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक भी बुलाई है जिसमें भाजपा से सहयोग जारी रखने पर फैसला हो सकता है। दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत के बाद भी पीडीपी ने शोक का हवाला देकर तुरंत सरकार बनाने से मना कर दिया था। दूसरी और इस मुद्दे पर भाजपा का कहना है कि महबूबा इस तरह उनपर राजनीतिक दबाव बना रही है और बेवजह की शर्तें लागू करने की कोशिश कर रही है। 

इधर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी महबूबा मुफ्ती तथा भाजपा नीत गठबंधन पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यदि दोनों पार्टियां सरकार नहीं बनाना चाहती है तो विधानसभा भंग करने का ऐलान करें ताकि राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो सके।

अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में कहा है कि यदि भाजपा उनकी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है तो इस पर विचार किया जाएगा। उमर ने अपने ट्वीट में कहा, जैसा सोचा जा रहा है, उसे देखते हुए यह सबसे सटीक रिस्पॉन्स है। अभी तक हम भाजपा के साथ न तो किसी गठबंधन और न ही समर्थन के बारे में सोच रहे हैं। इस पर फैसला पार्टी में चर्चा के बाद लिया जाएगा। बेवजह किसी बात का अर्थ निकालने की कोशिश न की जाए।

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