दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ रायपुर. अब तक ट्रेनों में चोर-लुटेरों के जितने गैंग पकड़े गए हैं, पुलिस से पूछताछ में लगभग सभी ने कबूला है कि एयरकंडीशंड बोगियों में चोरी या लूट आसान है। एसी-थ्री से हाल में परदे हटे हैं, लेकिन एसी-टू और एसी-वन में जबर्दस्त प्राइवेसी भी कई बार वारदातों की वजह बनती है।
भास्कर को पुलिस अफसरों ने कुछ बिंदु बताए हैं कि क्यों एसी बोगियों को ही ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है…
1. लंबी दूरी की ट्रेन
चोर-लुटेरों के गिरोह उन्हीं ट्रेनों के एसी कोच में सफर करते हैं, जो लंबी दूरी की होती हैं। कई गिरोह सीधे एसी में ही रिजर्वेशन लेकर बैठ रहे हैं।
2. दोस्तों-यारों से सावधान
कुछ वारदातों में एकाध लुटेरा एसी बोगी में रहता है और बातचीत के बहाने दूसरे लुटेरे भी उसी की सीट पर रात होते ही पहुंच जाते हैं।
3. चहलकदमी यानी रेकी
एसी बोगियों में वेंडरों के अलावा कई लोग आते-जाते रहते हैं। इन्हीं की आड़ में लुटेरों का गिरोह अपने निशाने की पहचान कर लेता है।
4. गेट पर नजर जरूरी
कुछ वारदातों में यह भी देखने में आया कि वारदात ऐसी जगह पर की जाती है, जहां कोच के गेट से सामान बाहर फेंकना आसान हो।