नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली के आबकारी नीति केस (Delhi Excise Policy Case) में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शराब घोटाले के मामले में जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से यह बताने के लिए कहा कि दिल्ली के शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (आप) को क्यों नहीं आरोपी बनाते हैं। ईडी के मुताबिक, दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में हुई कथित अनियमितताओं का सबसे अधिक लाभ आम आदमी पार्टी को ही हुआ है। इसी केस में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसंदिया के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। अब आप सांसद संजय सिंह को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे अलग-अलग मामलों में जमानत की मांग करने वाली मनीष सिसोदिया द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते समय आई। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा, ”हमें इस मुद्दे पर स्पष्टता की जरूरत है। जहां तक मनी लॉन्ड्रिंग अपराध का सवाल है, मनीष सिसोदिया को लाभार्थियों में से एक के रूप में बताया गया है। इससे राजनीतिक दल को फायदा होने की बात भी कही जा रही है, लेकिन उसके खिलाफ आरोप नहीं है। आप इसका उत्तर कैसे देंगे?” ईडी को जवाब देने के लिए 5 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी ऐसे समय आई जब सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विवेक जैन अपनी दलीलें पूरी करने के कगार पर थे। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू के नेतृत्व में ईडी गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया देगी। अदालत के सवाल ने दोनों पक्षों को चौंका दिया। इस पहलू पर मनीष सिसोदिया की तरफ से बहस नहीं की गई थी। पीठ ने विधि अधिकारी से कहा, ”सिसोदिया ने यह मुद्दा नहीं उठाया है। हमने इसे सीधे आपके समक्ष रखा है। जो भी हो आप कल इसका उत्तर देना।”
आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया को फरवरी में एक्साइज पॉलिसी के मामले में सीबीआई ने और मार्च में ईडी ने गिरफ्तार किया था।