ग्रामप्रधान ने खुद की जांच कराकर दूसरों को दिया संदेश, डीएमओ ने भी सराहा
फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए जनपद में चल रहा नाइट ब्लड सर्वे
लखनऊ : राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में एक से दस नवंबर तक फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे चल रहा है| इसी क्रम में सोमवार को मोहनलालगंज ब्लॉक के धनुआसांड गाँव में नाइट ब्लड सर्वे किया गया| इस प्रक्रिया में ग्राम प्रधान प्रद्युमन सिंह यादव ने पहल की और सबसे पहले अपने और अपने परिवार के रक्त की जांच करायी| ग्राम प्रधान का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि गाँव में रक्त की जांच के लिए कोई मना न करे| इस गाँव में फाइलेरिया के मरीज हैं और मेरी जिम्मेदारी है कि गाँव में अब कोई भी व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित न हो| रक्त की जांच से यह तो पता ही चल जाएगा कि कौन इस बीमारी से पीड़ित है तो उसका समय से इलाज शुरू हो जाएगा| आशा कार्यकर्ता कुसुमाँ और सुभाषिनी यादव तथा फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य बल्लू चौरसिया व अन्य दो लोग समुदाय को मोबिलाइज कर रक्त की जांच कराने के लिए शिविर तक लेकर आए|
इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव कहती हैं कि ग्राम प्रधान ने जो पहल की है वह काबिल-ए-तारीफ है| अगर लोग ऐसे ही अपनी जिम्मेदारियों को समझें और स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें तो साल 2027 तक हम इस बीमारी पर काबू पा लेंगे क्योंकि सरकार ने साल 2027 में फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है| जांच के माध्यम से हमें फाइलेरिया पीड़ितों का पता चलेगा और उनका इलाज शुरू करेंगे| इस मौके पर सिसेंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डा.दिवाकर भारद्वाज, मलेरिया इंस्पेक्टर आश्रिता सिंह लैब टैक्नीशियन घनश्याम, बीएचडब्ल्यू अभिषेक और हर्षदीप तथा संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) के प्रतिनिधि मौजूद रहे| इस अवसर पर 63 लोगों के रक्त की स्लाइड बनाई गयी।