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रेल बजट: पिछली घोषणाएं ही पटरी पर नहीं

phpThumb_generated_thumbnail (1)दस्तक टाइम्स एजेंसी/  अजमेर –हर साल रेल बजट की घोषणाएं भले ही रेल यात्रियों की सुविधा और क्षेत्र विशेष की जरूरतों के मुताबिक तय की जाती है लेकिन हकीकत की पटरी पर इन योजनाओं को मूर्त रूप देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जाती। अजमेर के विकास एवं रेल यात्रियों की सहूलियत के लिए पिछले कुछ वर्षों से बजट में सपने दिखाए जाते रहे हैं लेकिन बाद में वित्तीय संकट रोड़ा अटका कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। पिछले साल रेल बजट में देश में एक भी नई ट्रेन चलाने की घोषणा नहीं हुई। हालांकि अजमेर के लिहाज से महत्वाकांक्षी  परियोजना अजमेर-सवाईमाधोपुर के बीच रेल लाइन को स्वीकृत करने की हरी झंडी देकर बरसों पुरानी मांग को पूरी करने का ख्वाब जरूर दिखाया गया। यह अलग बात है कि यह भी महज घोषणा ही बनकर रह गई और साल बीत जाने के बावजूद  इस मार्ग पर एक इंच पटरी भी नहीं बिछ पाई।

स्वीकृत 875 करोड़, मिले महज 10 हजार

बजट घोषणा को लेकर इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है कि सरकार ने अजमेर-सवाईमाधोपुर के बीच रेल लाइन बिछाने की 875 करोड़ की भारीभरकम परियोजना के मुकाबले महज 10 हजार रुपए स्वीकृत किए। कमोबेश यही हालत अजमेर-कोटा नई रेल लाइन का भी है।  इस योजना को भी कुछ वर्ष पहले रेल बजट के माध्यम से पेश किया गया। सर्वे पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद जब पटरी बिछाने का मौका आया तो इसमें भी रेलवे की खराब वित्तीय हालत का हवाला दिया गया और लगभग 8 अरब की इस योजना के लिए  पिछले रेल बजट में महज एक हजार स्वीकृत हुए।

भुलाया पुष्कर-मेड़ता ट्रेक, अटका स्टेशन विस्तार

अजमेर-पुष्कर रेल लाइन बनने के बाद लगभग चार वर्ष पूर्व पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन बिछाने की घोषणा भी रेल बजट में की गई। लेकिन अजमेर की यह  योजना भी फाइलों से नहीं निकल पाई। कमोबेश यही हालत स्टेशन विस्तार के लिए मदार कोचिंग डिपो संबंधी बजट घोषणा का है। स्टेशन पर नए प्लेटफार्म बनाने के लिए यहां स्थित पिट लाइनें और यार्ड एरिया मदार में स्थानांतरित किया जाना था। इस योजना को मूर्त रूप देने के बाद अजमेर के लिए अधिक ट्रेन चलाई जा सकती थी। ट्रेन रखरखाव के लिए पिट लाइन की सीमित सख्या और अधिक प्लेटफार्म नहीं होने के कारण फिलहाल अजमेर से नई रेलगाडि़यां चलाना संभव नहीं है। अजमेर के लिहाज से इस बेहतर  योजना को भी अनदेखा किया जा चुका है। रेल मंत्रालय ने 44 करोड़ की इस योजना के लिए इस साल महज दो लाख रुपए उपलब्ध कराए।

एस्केलेटर्स और वाई-फाई हवा

अजमेर रेलवे स्टेशन पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रेल बजट में सभी प्लेटफार्म पर एस्केलेटर्स लगाने की घोषणा की गई थी। अजमेर के  धार्मिक एवं पर्यटन महत्व को देखते हुए यहां आने वाले लाखों जायरीन व पर्यटकों सहित आम  रेल यात्रियों को मुफ्त इंटरनेट के  लिए वाई-फाई सुविधा देने का भी एेलान किया था। लेकिन पूरा वर्ष बीत गया स्टेशन पर एस्केलेटर्स तकनीकी फांस में उलझ चुके हैं। वाई-फाई सुविधा घोषणा के बाद से  ही हवा हो गई है।

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