नई दिल्ली : देश का सबसे सुरक्षित शहर कौन सा है? इस सवाल का जवाब कोलकाता है। यह शहर लगातार तीसरे साल देश का सबसे सुरक्षित शहर घोषित हुआ है। प्रति लाख की आबादी के अनुसार इस शहर में संज्ञेय अपराधों की संख्या सबसे कम दर्ज की गई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। वर्ष 2022 के डेटा के मुताबिक कोलकाता में प्रति एक लाख की आबादी पर 86.5 केस सामने आए हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर पुणे है, जहां 280 मामले आए हैं और तीसरे स्थान पर हैदराबाद रहा है। यहां प्रति एक लाख जनसंख्या पर 299 केस मिले हैं।
संज्ञेय अपराध ऐसे मामलों को माना जाता है, जब आईपीसी की धारा के तहत केस दर्ज हुआ हो। इससे पहले 2021 में एनसीआरबी डेटा के मुताबिक प्रति एक लाख आबादी पर 103.4 केस दर्ज हुए थे। इस लिहाज से देखें तो इस साल और अच्छी स्थिति रही है। आपराधिक मामलों में बड़ी कमी दर्ज की गई है। इससे पहले वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 129.5 का ही था। इस तरह बीते तीन सालों में कोलकाता में आपराधिक मामलों की संख्या में लगातार कमी आई है। पुणे में 2021 में 256 केस आए थे, जबकि हैदराबाद में 260 केस मिले थे।
यह रैंकिंग हर साल जारी की जाती है। इसमें 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 शहरों की तुलना की जाती है। इसमें लगातार तीन सालों से कोलकाता टॉप पर बना हुआ है। हालांकि एक चिंता की बात यह भी है कि भले ही कुल मामलों में कमी दर्ज हुई है, लेकिन कोलकाता में महिला अपराधों के मामले बढ़ गए हैं। बीते साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के 1890 केस आए थे, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 1783 ही था। बता दें कि कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या प्रति एक लाख की आबादी पर 27.1 है। यह संख्या सबसे कम कोयंबटूर में 12.9 है, जबकि चेन्नै में 17.1 है।
कोलकाता में इस साल हत्या के मामलों में भी कमी दर्ज की गई है। 2021 में यह आंकड़ा 45 का था, जबकि इस साल 34 केस ही सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता में बीते साल रेप के 12 केस मिले थे, जबकि 2021 में भी यही आंकड़ा था। एनसीआरबी की ओर से हर साल ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसमें सभी 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का डेटा शामिल किया जाता है।