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जानिए, बिक्री के मामले में क्यों पिछड़ रही हैं नामी मोबाइल कंपनियां

phpThumb_generated_thumbnail (38)दस्तक टाइम्स एजेंसी/ लखनऊ.दुनिया का कोई भी बाजार हो समय के साथ-साथ उसमें बहुत कुछ बदल जाता है। इस बाजार में अपनी बादशाहत को कायम रखने के लिए भविष्य को ध्यान रखकर खुद में बदलाव करना पड़ता है। जो समय के साथ खुद को बदलता रहता है बाजार पर उसकी पकड़ बनी रहती है। ऐसा ही कुछ मोबाइल की दुनिया में भी हो रहा है।
पिछले पांच-सात वर्षों तक कुल पांच-सात विदेशी कम्पनियां मोबाइल फोन की दुनिया में छाई रहीं, लेकिन अब उनके लिए भी हालात उतने आसान नहीं रहे हैं। मोबाइल फोन टेक्नोलॉजी का विस्तार होने से बहुत सारी देसी-विदेशी कंपनियां मोबाइल फोन बाजार में पुरानी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। माइक्रोमैक्स, कार्बन जैसी कंपनियां इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
भारत में मोबाइल क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाली नोकिया का बादशाहत की दौड़ में ऐसा हश्र होगा, किस ने सोचा था। एक समय देश में मोबाइल का पर्याय रही नोकिया को जब माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अधिगृहीत किया तभी तय हो गया कि अब यह कंपनी किस्से कहानियों में ही दोहराई जाएगी। कंपनी ने अपने मोबाइल में समय की मांग को देखते हुए बदलाव नहीं किया। लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे एंड्रायड प्लेटफॉर्म को कंपनी ने देर से अपनाया।
यही वजह रही की नोकिया पिछड़ती चली गई। मौजूदा समय में कुछ इसी तरह की समस्याओं का सामना सैमसंग को भी करना पड़ रहा है। कभी एंड्रायड और स्मार्टफोन बाजार में एकक्षत्र राज करने वाली सैमसंग को घरेलू भारतीय कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। बाजार में सैमसंग की ज्यादातर हिस्सेदारी माइक्रोमैक्स, कार्बन, रेडमी, जियोनी जैसी कंपनियों ने हथिया ली है।पत्रिका टीम ने लखनऊ में एक सर्व किया जिसमें लोगों से उनसे उनकी�स्मार्टफोन की पंसद पर बात की।
नए फीचर के साथ किफायती दामों को लोग दे रहे तरजीह�
जब स्मार्टफोन लोगों की पहली जरूरत बन चुका है, ऐसे में बाजार में हिस्सेदारी के लिए खींचतान होना लाजमी है। राजधानी लखनऊ के निशातगंज निवासी अबरार अहमद बताते हैं कि अब 5-6 हजार में ऐसा फोन मिल जाता है जिससे सारी जरूरतें पूरी हो जाती हैं तो फिर ब्रांड �के चक्कर में ज्यादा पैसा खर्च करने की क्या जरूरत है।
वहीं इंदिरानगर निवासी व बीटेक स्टूडेंट निधी शुक्ला कहती हैं कि माइक्रोमैक्स व रेडमी, जियोमी के हैंडसेट किफायती होने के साथ-साथ सभी फीचरों से भी लैस हैं। अगर लुकवाइज देखा जाए तो भी यह ब्रांडेड फोन को टक्कर देते हैं। ऐसे में ब्रांडेड के लिए ज्यादा पैसा सिर्फ कुछ ही लोग खर्च कर सकते हैं। मध्यमवर्गीय आम लोगों के लिए ये फोन बेस्ट हैं।
 
 

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