एक्साइज ड्यूटी के विरोध में ज्वैलरों की हड़ताल शुरू
हड़ताल 3 दिन तक चलेगी। इससे दुकानदारों के साथ-साथ सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। ज्वेलर राजेश कपूर के मुताबिक पूरे देश में ज्वैलरी के कारोबार से सरकार को हररोज 810 करोड़ रुपये की आमदनी होती है।
इसके चलते इन 3 दिनों की हड़ताल से सरकार के राजस्व में लगभग 2400 करोड़ रुपये नही आ सकेंगे। फिलहाल इससे सरकार को काफी नुकसान तो होगा ही, लेकिन हड़ताल के चलते लोगों को भी ज्वैलरी नहीं मिल सकेगी।
फिलहाल बुधवार से शुरू इस हड़ताल से सराफा बाजार, फुलां वाला चौक समेत अन्य बाजारों में स्थित ज्वेलरों ने अपनी दुकानें बंद रखी। ज्वैलरों ने हनुमान चौक पर इकट्ठा होकर धरना दे दिया और सरकार खिलाफ नारेबाजी की। यह हड़ताल गोल्ड एंड जैम एसोसिएशन आफ इंडिया के आह्वान पर की गई है।
द जालंधर सराफा एसोसिएशन के राजेश कपूर ने कहा कि सरकार का यह कदम ज्वेलर के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो 1 प्रतिशत की एक्साइज ड्यूटी लगाई है, उससे उनका कारोबार घाटे की ओर चल पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इससे पहले साल 2012 में भी कांग्रेस सरकार की ओर से इस एक्साइज ड्यूटी को लगाया गया था। इसके विरोध में ज्वेलर की ओर से 20 दिन से अधिक समय तक हड़ताल की थी।
अंत में सरकार को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि वे वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपील करते हैं कि इस एक्साइज ड्यूटी लगाने पर दोबारा विचार किया जाए। अगर इसको हटाया न गया तो यह 3 दिन की हड़ताल अनिश्चितकाल की हड़ताल में भी बदल सकती है।