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133 रुपए के मोमोज डिलवरी नहीं किए…zomotao को पड़ा 60 हज़ार का जुर्माना

नई दिल्ली: फूड जिलवरी एप zomotao को एक कस्टमर को फूड डिलवर न करने पर बड़ा झटका लगा। दरअसल, धारवाड़ की एक महिला को पिछले साल ऑनलाइन किए गए मोमोज़ के ऑर्डर को डिलीवर करने में विफल रहने के लिए कर्नाटक की एक उपभोक्ता अदालत ने zomotao को 60,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। धारवाड़ में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 3 जुलाई को यह आदेश दिया है। आदेश में आयोग के प्रेसिडेंट ईशप्पा के भुटे ने ज़ोमैटो को शीतल को हुई असुविधा और मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये और मुकदमे की लागत के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।

शीतल ने 31 अगस्त, 2023 को ज़ोमैटो के माध्यम से मोमोज का ऑर्डर दिया और Google-pay के माध्यम से 133.25 का भुगतान किया। ऑर्डर देने के 15 मिनट बाद, उसे एक संदेश मिला जिसमें बताया गया था कि उसका ऑर्डर डिलीवर हो गया है। तथापि, उन्होंने कहा कि उन्हें न तो ऑर्डर मिला और न ही कोई डिलीवरी एजेंट उनके घर आया।

जब उसने रेस्तरां से पूछा- तो उसे बताया गया कि डिलीवरी एजेंट ने उनसे ऑर्डर ले लिया है। उसने वेबसाइट के माध्यम से डिलीवरी एजेंट के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की लेकिन एजेंट ने कोई जवाब नहीं दिया। उसी दिन, शीतल ने ईमेल के माध्यम से ज़ोमैटो से शिकायत की और एक सूचना प्राप्त की जिसमें उन्हें प्रतिक्रिया के लिए 72 घंटे तक इंतजार करने के लिए कहा गया। zomotao से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद, शीतल ने 13 सितंबर, 2023 को फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म को कानूनी नोटिस भेजा।

हालाँकि अदालत में जब महिला ने सबूत पेश किए तो यह साबित हुआ कि zomotao ने महिला की शिकायत पर जवाब देने के लिए 72 घंटे का समय मांगा था। लेकिन उन्होंने इसके बाद कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद इसी साल 18 मई को शीतल ने कहा कि उन्हें 2 मई को zomotao की ओर से 133.25 रुपये रिफंड कर दिया गया। आयोग ने कहा कि यह दर्शाता है कि zomotao ने गलती की है और इस वजह से महिला को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। आयोग ने कहा, “zomotao ग्राहक द्वारा दिए गए ऑनलाइन ऑर्डर को उन तक पहुंचाने का बिजनेस कर रही है। पैसे मिलने के बावजूद zomotao ने शिकायतकर्ता को फूड नहीं पहुँचाया। मामले के इन तथ्यों पर गौर करने के बाद हमारी राय में शिकायतकर्ता के दावे सही है और zomotao को शीतल को हुई असुविधा और मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये और मुकदमे की लागत के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करना होगा।

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