‘भारत माता की जय’ सावरकर नहीं गांधी-नेहरू का नारा है
एजेन्सी/नई दिल्ली : एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलने पर सबसे ज्यादा गुस्से में बीजेपी है. शायद इसका का असर है कि इलाहाबाद में बीजेपी के एक नेता ने तो ओवैसी की जुबान काटने वाले को एक करोड़ा रुपये के इनाम का एलान किया है.
ओवैसी के बयान पर सबसे ज्यादा हंगामा बीजेपी, उनके सहयोगी और हिंदू राष्ट्रवादी पार्टियां कर रही हैं, लेकिन आपको बता दें कि ‘भारत माता की जय’ का अतीत से इन पार्टियों का न सिर्फ रिश्ता नहीं रहा है, बल्कि बीते जमाने में इन पार्टियों के जनक और विचारकों ने इस शब्द का विरोध तक भी किया था.
आपको जानकर हैरानी होगी कि ‘भारत माता’ का अतीत कांग्रेस से जुड़ा हुआ है. आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते थे. डिस्कवरी ऑफ इंडिया किताब में पंडित नेहरू ने भी भारत माता का मतलब समझाया है.
इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक ‘भारत माता की जय’ के अनुच्छेद पर बहस के दौरान संविधान सभा में कांग्रेस के सदस्य सेठ गोविंद दास ने ‘भारत माता की जय’ का ज़िक्र किया. गोविंद दास ने कहा, – ”हमने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत माता की जय कहते हुए आजादी की लड़ाई लड़ी है.”
कांग्रेस के परंपरावादी नेता भारत शब्द हटाना चाहते थे. अतिवादी हिंदू भी भारत शब्द नहीं चाहते थे. बीडी सावरकर भारत की बजाय सिंधुस्थान या हिंदुस्तान को ज्यादा सटीक मानते थे.
ध्यान देने की लायक बात ये है कि सावरकर के अनुयायी गांधी या नेहरू के नारे ‘भारत माता की जय’ को ही पूरी तरह से अपना चुके हैं.