उत्तर प्रदेशराज्य

लखनऊ: इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बाल श्रम निषेध सप्ताह के समापन समारोह का आयोजन

लखनऊ: अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 12 जून 2025 से 17 जून 2025 के मध्य आयोजित किये गये बाल श्रम निषेध सप्ताह का समापन समारोह मार्स आडीटोरियम, इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि अनिल राजभर, मा0 मंत्री, श्रम एवं सेवायोजन, उ0प्र0 सरकार रहे। अनिल राजभर ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रदेश को वर्ष 2027 तक बाल श्रम मुक्त करने का बड़ा लक्ष्य है परन्तु हम सब मिलकर रात दिन प्रयास करेंगे और मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे। श्री राजभर ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक बाल श्रमिक अफ्रीका में है उसके बाद एशिया में है और एशिया में भी भारत और भारत में भी उत्तर प्रदेश में है जो कि हमारे लिए बड़ी चिन्ता का विषय है और चुनौती भी है। कार्यक्रम के शुभारम्भ में श्री कुनाल सिल्कू, विशेष सचिव, श्रम एवं सेवायोजन ने कार्यक्रम में आये हुए मुख्य अतिथि सहित सभी अतिथियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं अन्य प्रतिभागियों सहित सभी उपस्थिति लोगों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।

यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक अमित मेहरोत्रा ने अपने व्याख्यान में कहा कि ‘‘बाल श्रम हर उस बच्चे के अधिकारों का उल्लंघन है जो स्कूल, सुरक्षा और संरक्षण का हकदार है। यूनिसेफ उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर राज्य कार्ययोजना को ज़मीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में श्रम आयुक्त, उ0प्र0 श्री मार्कण्डेय शाही द्वारा देश-प्रदेश में बाल श्रम की स्थिति को बताते हुए कहा कि हमारी यह मुहिम बचपन बचाने की है और हम बचपन को सुरक्षित करने का भी संकल्प लेते हैं। श्रम विभाग द्वारा गत वर्ष 11000 से अधिक बाल श्रमिकों को चिन्हित कर पुनर्वासित कराया गया है तथा यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी जब तक प्रदेश को बाल श्रम मुक्त नही करा लेंगे। इस हेतु हम पंचायत स्तर तक निगरानी, बाल पुनर्वास कोष, और विभागीय समन्वय जैसी रणनीतियों पर जोर दे रहे हैं।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, डॉ0 एम0के0 शनमुगा सुन्दरम ने अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस की महत्ता को बताते हुए सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। डा0 सुन्दरम ने सभी विभागों के आपसी समन्वय पर बल देते हुए कहा कि शीघ्र ही यूनीसेफ के साथ मिलकर हम कार्ययोजना पर विस्तृत कार्य करेंगे। उन्होंने यूनीसेफ द्वारा दिये जा रहे सहयोग की सराहना की। डा0 सुंदरम ने वैश्विक रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में कहा कि ‘‘इस समय बाल श्रम सिर्फ़ सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि वैश्विक चुनौती है। हमें अपने राज्य को उदाहरण बनाना है जहां हर बच्चा स्कूल जाए और सम्मान से जीवन जिए।‘‘ कार्यक्रम में आई0एल0ओ0 तथा यूनिसेफ द्वारा हाल ही में जिनेवा में प्रस्तुत वैश्विक रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष साझा किए गए। विदित हों कि, रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में विश्व स्तर पर 13.8 करोड़ बच्चे बाल श्रम में लिप्त थे, जिनमें से 5.4 करोड़ बच्चे खतरनाक कार्यों में लगे हुए थे। रिपोर्ट ने चेताया कि यदि प्रगति की रफ्तार यही रही, तो 2025 तक बाल श्रम उन्मूलन का वैश्विक लक्ष्य 11 गुना तेज़ प्रयासों के बिना प्राप्त नहीं हो सकेगा। भारत की स्थिति भी चिंताजनक है, जनगणना 2011 के अनुसार, देश में लगभग 1 करोड़ से अधिक बाल श्रमिक हैंे, जिनमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी लगभग 2.5 लाख बच्चों की है। रिपोर्ट दर्शाती है कि बाल श्रम का 64ः से अधिक भाग कृषि क्षेत्र, और शेष घरेलू व छोटे उद्योगों में केंद्रित है। कार्यक्रम में यह भी रेखांकित किया कि उत्तर प्रदेश में बाल श्रम न केवल एक सामाजिक चुनौती है, बल्कि यह शिक्षा, बाल सुरक्षा और सामाजिक न्याय के लक्ष्यों से भी सीधे जुड़ा हुआ है।

कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति कानपुर के सदस्य दीप अवस्थी द्वारा बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वासन में बाल कल्याण समितियों की भूमिका के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। कार्यक्रम में अटल आवासीय विद्यालय की महानिदेशक श्रीमती पूजा यादव द्वारा अटल आवासीय विद्यालय की प्रगति के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए अटल आवासीय विद्यालय पर आधारित एक संक्षिप्त डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर बाल श्रम उन्मूलन संबंधी 2 पोस्टर व योजनाओं से सम्बन्धित एक पुस्तिका का विमोचन मा0 मंत्री श्रम एवं सेवायोजन श्री अनिल राजभर द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन हेतु तैयार की गयी राज्य कार्ययोजना में सहयोगी विभागों द्वारा बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वासन के सम्बन्ध में विभाग की भूमिका व कार्यक्रमों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। इसमें शिक्षा विभाग से माधव जी, महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग से बी0एस0 निरंजन, चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण से डा0 सी0एस0 बाजपेयी, पंचायती राज व ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा विभागीय प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर भिक्षावृत्ति से मुक्त करायी गयी पायल व माही को भी सम्मानित किया गया। दोनो ने अपना जीवन वृतांत भी बताया और भविष्य में डाक्टर बनने की इच्छा व्यक्त की।

इसके साथ ही कार्यक्रम में लखनऊ व कानपुर के बाल श्रमिक विद्या योजना के बच्चों अनिका यादव, समृद्धि यादव, अभिषेक विश्वकर्मा, अभिनव विश्वकर्मा, अनाया गुप्ता, पलक कश्यप, पारस कश्यप, फारा, व हिफज़ा व उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं के अन्तर्गत मातृत्व हित व शिशु हित लाभ के अशोक कुमार, कुन्ती यादव, राहुल लोधी व अनित को मा0 मंत्री, श्रम एवं सेवायोजन द्वारा लाभान्वित किया गया। कार्यक्रम में भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री अनिल उपाध्याय व आई0आई0ए0 के चेयरपर्सन द्वारा भी सम्बोधित किया गया। कार्यक्रम में श्रम आयुक्त, उ0प्र0 श्री मार्कण्डेय शाही द्वारा सभी प्रतिभागियों से बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वासन के सम्बन्ध में शपथ दिलायी गयी। कार्यक्रम के समापन सत्र में एम्प्लॉयर एसोसिएशन और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने साझा रूप से बाल श्रम के खिलाफ़ प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान 10 जनपदों यथा गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, कानपुर नगर, लखनऊ, गाज़ियाबाद, आगरा, जौनपुर, उन्नाव, मुज्जफरनगर व आज़मगढ़ को ाल श्रम उन्मूलन पर उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया और बाल श्रमिक विधा योजना सहित अन्य योजनाओं के लगभग 50 लाभाथियों प्रमाणपत्र वितरित किए गए।

कार्यक्रम में श्रम विभाग के अधिकारियों पुलिस, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, शिक्षा, समाज कल्याण विभाग के साथ बाल श्रमिकों के परिवार, गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि, शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थी व प्रतिनिधि बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी व लाभार्थी बच्चे व बच्चों सहित लगभग 1,000 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति रहे। बाल कल्याण समिति से मिलिंद द्विवेदी,पूनम सिंह , संरक्षण इकाई से वीरेंद्र पाल,सहायक श्रमायुक्त आर एल स्वर्णकार ,श्रम प्रवर्तन अधिकारी ,अंकित सिंह,राकेश पाल,मनोज ,मानव तस्कर रोधी पुलिस अधिकारी श्रीमती पुष्पा यादव,आरक्षी सुमन भी उपस्थित रहीं।

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