एजेन्सी/ मुंबई: मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जब भारत और वेस्ट इंडीज की टीमें टी 20 वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंचने के लिए भिड़ेंगी, तब राज्य सरकार के करीब 250 नौकरशाह फ्री में इस मैच का आनंद उठाएंगे।
अधिकारी यह तर्क देतें हैं कि यह फ्री नहीं है। उन्हें यह टिकट इसलिए दिए जाते हैं कि 40 साल पहले मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और राज्य सरकार में इस संबंध में एक समझौता हुआ था।
सरकार का कहना है कि जब 1970 में क्रिकेट की इस संस्था को भूमि दी गई थी तब उनसे पैसा नहीं लिया गया था। इसके बदले यह व्यवस्था की गई थी कि जब भी यहां पर अंतरराष्ट्रीय मैच होंगे तब यहां पर सरकारी अधिकारियों के लिए मैच देखने के लिए इंतजाम किए जाएंगे। फिलहाल इस समझौते को 42 साल हो चुके हैं। यह समझौता और कितने साल तक चालू रहेगा यह अभी कहा नहीं जा सकता है।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के उपाध्यक्ष और बीजेपी विधायक आशीष शेलार का कहना है कि वानखेड़े स्टेडियम जहां पर बना है वह जमीन राज्य सरकार की थी। सरकार ने यह जमीन एमसीए को दी और यह समझौता हुआ कि कुछ सीटें महाराष्ट्र सरकार को दी जाएंगी। इसलिए 250 टिकट सरकार को दिए जाते हैं। इस समझौते में टिकट वितरण के संबंध में भी बातें स्पष्ट हैं।
शेलार ने बताया कि विधानसभा के मित्रों के लिए उन्होंने करीब 200 टिकटों का प्रबंध अलग से किया है। सरकार का कहना है कि 33000 लोगों की बैठक क्षमता वाले इस स्टेडियम में यह संख्या मात्र 0.75 प्रतिशत है।
इसी के साथ 14000 टिकट स्पॉन्सर, खिलाड़ियों, अधिकारियों और विज्ञापन दाताओं को दी गई है। इससे बिकने के लिए केवल 19000 टिकट ही बचे हैं। इस मैच के लिए दर्शकों में टिकट पाने के लिए मारा-मारी हुई है और जेब को काफी हल्का कर लोग इस मैच को देख पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि 1974 का यह समझौता यह भी कहता है कि 4000 फ्री टिकट उन तमाम जिमखाना को दिया जाएगा जिन्होंने स्टेडियम को बनाने में मदद की।
बता दें कि आज के मैच की और रविवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले जाने वाले फाइनल मैच की सारी टिकटें पहले ही बिक चुकी हैं।