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आईपीएल मैच का 8 को वानखेड़े में ही होगा उद्घाटन

एजेन्सी/  सूखे के मुद्दे पर सुनवाई कर रही बांबे हाइकोर्ट ने बीसीसीआई को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल का पहला मैच करवाने की छूट दे दी है। इसके mumbai-cricket-association_1459940236साथ ही 8 अप्रैल को मुंबई में होने वाले उद्घाटन समारोह और 9 अप्रैल को होने वाले पहले मुकाबले पर छाए संकट के बाद हट गए हैं। 

बता दें कि लोकसत्ता मूवमेंट एनजीओ की ओर से दायर याचिका में आईपीएल मैचों के दौरान विकेट और ग्राउंड के रख रखाव में होने वाली पानी की बर्बादी को देखते हुए आईपीएल के मैचों पर रोक लगाने की मांग की थी। 

याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट ने भी बीसीसीआई और क्रिकेट ऐसासिएशनों को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि लोग यहां सूखे से मर रहे हैं और आप विकेट और मैदान के रख रखाव में लाखों लीटर पानी बर्बाद कर रहे हैं। कोर्ट ने सुझाव भी दिया था कि आईपीएल मैचों को वहां स्‍थानांतरित करवाया जा सकता है जहां पानी की समस्या नहीं है। 

इसके बाद से ही मुंबई में आईपीएल के मैचों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। हालांकि गुरुवार को कोर्ट ने इस पर राहत देते हुए मुंबई में मैच कराने की अनुमति दे दी।

सूखे की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर हुआ सुप्रीम कोर्ट अब लगातार मामले पर नजर बनाए हुए है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है आज सुबह से ही सूखे पर राज्यों की याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही है। 

लगातार सुनवाई के बीच कोर्ट एक बार नाराज होता भी दिखा जब केन्द्र सरकार की वकील देर से पहुंचीं। असिस्टेंट सॉलीसिटर जनरल पिंकी आनंद से कोर्ट ने इस पर नाराजगी भी जताई। 

दरअसल हुआ ये था कि सुप्रीम कोर्ट में जिस समय सूखे के मामले पर सुनवाई चल रही थी उस समय पिंकी आनंद दूसरी कोर्ट में अन्य केस पर बहस कर रही थी। इसलिए सूखे पर सरकार का पक्ष रखने के लिए वह उपस्थित नहीं हो सकीं। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई तो इसकी सूचना पिंकी आनंद तक भी पहुंच गई वह तुंरत बेंच के सामने पहुंची और कोर्ट का पक्ष रखा।  

कोर्ट ने कहा लगता है कि सरकार की कानूनी अधिकारी इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं। उन्हें सूखे की भयावहता का कोई अंदाजा नहीं है। इसके बाद केन्द्र की ओर से पिंकी आनंद ने शीर्षस्‍थ अदालत में हलफनामा दायर करते हुए कहा कि केन्द्र मनरेगा के तहत हफ्तेभर में राज्य सरकारों को 11030 करोड़ का फंड देगा। 

बता दें कि बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा था कि आप इस मुद्दे से आंखें नहीं मोड़ सकते। हालांकि केन्द्र की ओर से इस संबंध में कोर्ट को आश्वस्त किया गया है कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जरूरमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्‍था की जा रही है। 

जबकि ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से सूखा प्रभावित राज्यों में आठ लाख तालाब खुदवाने की कवायद शुरू कर दी है। 

 
 

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