फीचर्डराष्ट्रीय

कर्नाटक : येदियुरप्पा की महंगी SUV पर उठा विवाद, बीजेपी ने कहा – ‘उधार’ पर ली है गाड़ी

bs-yeddyurappa-suv_650x400_41460733210एजेन्सी/ बैंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या की 70 लाख की घड़ी का बवाल थमा ही था कि राज्य के बीजेपी प्रमुख बीएस येदियुरप्पा की नई गाड़ी ने विवाद खड़ा कर दिया है। यह एक लैंड क्रूज़र है जिसकी कीमत एक करोड़ रुपए है। कर्नाटक में बीजेपी के प्रवक्ता एस प्रकाश ने सफाई दी है कि यह आलीशान सफेद कार दरअसल येदियुरप्पा को एक शक्कर मिल मालिक और राजनेता मुरुगेश निरानी ने ‘लोन’ पर दी है ताकि वह राज्य का दौरा कर सकें।

येदियुरप्पा की टीम का कहना है कि यह नई कार नहीं है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हार के बाद अब नए प्रमुख को कर्नाटक में पार्टी को एक बार फिर खड़ा करना है। कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए पार्टी प्रमुख को हज़ारों किलोमीटर का दौरा करना होगा जिसके लिए एक सुविधाजनक वाहन की जरूरत है।

राज्य में पार्टी की जिम्मेदारी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजपी प्रमुख अमित शाह ने 2018 में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव की कमान येदियुरप्पा को सौंप दी है। राज्य प्रमुख ने 225 विधानसभा सीट में से 150 को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। येदियुरप्पा को 2008 में कर्नाटक का मुख्यमंत्री चुना गया था लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप झेलने के बाद बीजेपी ने उन पर कुर्सी छोड़ने का दबाव बनाया। पार्टी की इस बेरुख़ी के बाद येदुरप्पा ने बीजेपी से अलग होकर अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया था। 2014 लोकसभा चुनाव के कुछ समय पहले ही येदुरप्पा बीजेपी में दोबारा दाख़िल हुए। कोर्ट ने उनके खिलाफ ज्यादातर मामलों को खारिज कर दिया था। अब कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने येदियुरप्पा को राज्य में पार्टी प्रमुख का कार्यभार सौंपा है।

बता दें कि मार्च के महीने में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या की 70 लाख रुपये की घड़ी ने उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। घड़ी का विवाद इतना बढ़ गया था कि 3 दिनों तक कर्नाटक विधानसभा का सत्र विपक्षी दलों ने नहीं चलने दिया था। आखिरकार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विवाद से दामन छुड़ाने के लिए घड़ी को विधानसभा स्पीकर के. थिमप्पा को सौंप दिया जिसे नियमों के मुताबिक राज्य की संपत्ति घोषित कर दिया गया था। हालांकि मुख्यमंत्री ने इसे एक दोस्त से मिला सेंकड हैंड तोहफा बताया था लेकिन इसके बावजूद उन्हें इस राज्य को सौंपना पड़ा था।

 

Related Articles

Back to top button