नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण के मैच महाराष्ट्र के बाहर स्थानांतरित करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मुंबई क्रिकेट संघ और महाराष्ट्र क्रिकेट संघ ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेने का फैसला किया।
बंबई उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को महाराष्ट्र में 30 अप्रैल के बाद होने वाले आईपीएल के मैचों को राज्य में फैली पानी की समस्या को देखते हुए राज्य के बाहर स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे। बाद में अदालत ने पुणे और मुंबई के मैच को भी तय समय पर कराने की अनुमति दी।
दोनों क्रिकेट संघों ने शीर्ष अदालत की न्यायामूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवा कीर्ति सिंह की खंडपीठ के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करते हुए आईपीएल के पूर्व कार्यक्रम को जारी रखने की अपील की।
अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है। दोनों क्रिकेट संघों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के माध्यम से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि क्रिकेट पिचों और मैदान को बनाए रखने के लिए पीने के पानी का उपयोग नहीं करेंगे और सीवेज के पानी को साफ कर उपयोग में लाएंगे।
बंबई उच्च न्यायालय के आदेश से आईपीएल के 13 मैचों पर असर पड़ेगा, जिसमें दो प्लेऑफ मुकाबले और फाइनल मैच भी शामिल है।
किंग्स इलेवन पंजाब ने नागपुर में होने वाले अपने तीन मैचों को धर्मशाला में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। वहीं मुंबई इंडियंस ने जयपुर को अपना नया घरेलू मैदान चुना है। राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स ने अपने घरेलू मैच विशाखापटनम में खेलने का फैसला किया है। 29 मई को मुंबई में खेला जाने वाला फाइनल अब बेंगलुरु में खेला जाएगा।