मुंबई: फिल्म ‘बागी’ की कहानी है, रॉनी नाम के लड़के और सिया नाम की लड़की की, जो एक-दूसरे से प्यार करते हैं। बीच में एक विलेन है राघव और वह भी सिया से एकतरफ़ा प्रेम करता है। वह एक दिन सिया को अग़वा करके बैंकॉक लेकर चला जाता है। उसके बाद रॉनी सिया को बचाने जाता है। रॉनी की भूमिका में हैं, टाइगर श्रॉफ़, सिया की भूमिका में हैं श्रद्धा कपूर और राघव का किरदार निभाया है, दक्षिण के एक्टर सुधीर बाबू ने।
इस फिल्म को पूरी तरह से मसाला फिल्म बनाने की कोशिश की गई है। टाइगर श्रॉफ का जबरदस्त एक्शन सीन हैं, जो परदे पर बेहतरीन लगते हैं और कुछ याद रहने वाले डायलॉग। अच्छी सिनेमेटोग्राफी है, जिसने केरला और बैंकॉक के सुंदर दृश्यों को सुंदरता से दर्शाया है।
श्रद्धा अपने किरदार में खूब जमी हैं
टाइगर की मेहनत परदे पर साफ नज़र आ रही है। फिल्म को हल्की-फुल्की बनाने के लिए कई कॉमेडी सीन भी हैं, जो हंसाते हैं। श्रद्धा अपने किरदार में खूब जमी हैं। मगर फ़िल्म की कहानी बहुत पुरानी है और ऐसी लव स्टोरी दर्जनों बार देख चुके हैं। फ़िल्म की कहानी में नयापन लाने के लिए ही शायद कलरिपयाट्टू का इस्तेमाल किया गया है वर्ना कुछ और नया नहीं है। पहले हाफ में फिर भी फ़िल्म ठीक से चलती है मगर दूसरे हाफ में सिर्फ़ और सिर्फ़ एक्शन ही एक्शन है, जो एक समय के बाद खिंचा हुआ लगने लगता है। फ़िल्म के गाने भी सिनेमाहाल से बाहर निकलने के बाद याद नहीं रहते।
एक्शन अच्छा पर अभिनय नहीं
इसमें कोई शक नहीं कि टाइगर ने इन एक्शन सीन के लिए काफी मेहनत की है और परदे पर जब वह एक्शन करते हैं तो ज़बरदस्त लगते हैं मगर उन्हें एक्शन के साथ-साथ एक्टिंग पर भी मेहनत करनी चाहिए क्योंकि इस फिल्म में उनका एक्शन अच्छा लगा है मगर अभिनय दिल को नहीं छूता।
भविष्य में अच्छे अभिनय की उम्मीद
फिल्म में कई जगह टाइगर एक डायलॉग बोलते हैं कि ‘मैंने तो अभी शुरू किया है।’ मैं भी यही कहना चाहता हूं कि अभी-अभी आपने अपना कैरियर शुरू किया है। उम्मीद है कि भविष्य में आपका अच्छा अभिनय भी देखने को मिलेगा। फ़िल्म ‘बाग़ी’ एक मसाला फ़िल्म है मगर एक्शन के अलावा कुछ भी नयापन नहीं है फ़िल्म में इसलिए इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 2.5 स्टार।