सनस्क्रीन खरीदते वक्त रखें इन 5 बातों का ख्याल
एजेंसी/ सूरज की नुकसानदेह यूवी किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन बहुत ज़रूरी है। केवल बाहर निकलते वक्त ही नहीं, घर के अंदर भी इसे त्वचा पर लगाना ज़रूरी है क्योंकि घर में लगे ट्यूबलाइट्स से निकलने वाली किरणें भी त्वचा को नुकसान पहुंचती हैं।
जब भी बाहर निकलना हो, 20-30 मिनट पहले लोशन लगाएं। अगर ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो एक अंतराल पर दोबारा इसे लगाने में कोई हर्ज नहीं।
सनस्क्रीन का चुनाव केवल अच्छे ब्रांड और बजट के हिसाब से ही नहीं, बल्कि इन पांच बातों का ख्याल रखते हुए भी करना ज़रूरी है।
अपनी त्वचा का रंग पहचानें
अगर आपकी त्वचा सांवली है तो इसका मतलब आपकी त्वचा में मेलानिन पिग्मेन्ट गोरी त्वचा वाले से ज्यादा है। इसका फायदा यह है कि सूरज की किरणों से आपकी त्वचा को कम नुकसान होगा। इसलिए जिनकी त्वचा फेयर है उन्हें ज्यादा एसपीएफ वाले सनस्क्रीन की ज़रूरत है। आमतौर पर टैनिंग की वजह से रंग काला पड़ जाता है। इसलिए शरीर के उस हिस्से का रंग देखें जो ज्यादातर धूप के संपर्क में नहीं आता। फिर इसी हिसाब से अपने सनस्क्रीन का चयन करें।
मॉयस्चुराइज़िंग सनस्क्रीन खरीदें
ऐसा सनस्क्रीन खरीदें जो आपकी त्वचा को मॉस्चुराइज़ भी करे। इसे आपकी स्किन रूखी नहीं होगी। जिनकी त्वचा तैलीय है उन्हें ऑयल फ्री सनसक्रीन लोशन खरीदना चाहिए।
एसपीएफ
ठंड या बारिश में 15 से 30 एसपीएफ का सनस्क्रीन काफी होता है। लेकिन गर्मियों में 50 से 70 एसपीएफ के बीच का ही सनसक्रीन खरीदें।
वाटर प्रूफ और वाटर रसिस्टेंट का फर्क पहचानें
एक वाटप्रूफ सनस्क्रीन धूप की किरणों से करीब 80 मिनट तक पानी में भी आपकी त्वचा की देखभाल कर सकता है। वहीं, वाटर रजिस्टेंट सनस्क्रीन से 40 मिनटों तक राहत मिलेगी।
एक्सपायरी डेट
सनसक्रीन का चुनाव मौसम और एसपीएफ के आधार पर होता है। इसलिए इन्हें खरीदने से पहले बॉटल पर छपी एक्सपायरी डेट ज़रूर पढ़ लें। कोशिश करें एक बॉटल एक सीजन में पूरा इस्तेमाल कर लें।