झारखंड में जमशेदपुर में एक ट्रक पर फेंका गया बम, 3 घायल
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन ने झारखंड में बंद बुलाया है. इस बंद का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है. लेकिन इस बीच जमशेदपुर में हिंसा भी हो गई है. यहां पर स्थानीय नीति का विरोध कर रहे लोगों ने एक ट्रक पर बम फेंक दिया जिसमें 3 लोग घायल हो गए हैं. पीड़ित आंध्र प्रदेश से पटना जा रहे थे. घटना एमजीएम थाना क्षेत्र में एनएच-33 की है. फिलहाल पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है.
इससे पहले सोरेन ने एनडीए सरकार की आवास नीति आदिवासी और मूलवासियों को उनके अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जेएमएम ऐसे फैसले को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगा.सरकार को ये अधिसूचना वापस लेनी होगी.
स्थानीय नीति के विरोध में झामुमो की ओर से शनिवार को बंद का आयोजन किया गया है जिसे कांग्रेस, राजद, झाविमो के अलावा अन्य भी कई दलों का समर्थन प्राप्त है. बंद को लेक जहां पार्टी पूरे जोश में नजर आ रही है, वहीं पुलिस और प्रशासन भी इससे सख्ती से निबटने के लिए मुस्तैद है.
सुरक्षा चाक चौबंद
सुबह पांच बजे से ही सुरक्षा कर्मी तैनात हैं. पूरे शहर को सात जोन में बांट दिया गया है. हर जोन में एक एक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकार और जवानों की तैनात हैं. 101 मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी बंद समर्थकों पर नजर रखने के लिए तैनात हैं.पहली बार शहर में दो ड्रोन उपद्रवियों पर नजर रखने के लिए लगाए गए हैं. ये उपद्रवियों की तस्वीर खिंचते हुए शहर पर नजर रखेंगे. चार क्रेन लगाए गए हैं जो जाम होते ही उसे खत्म करेंगे. बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम को जेल कैंप में तब्दील कर दिया गया है. कंट्रोल रूम और चौक चौराहों पर एंबुलेंस, फायरबिग्रेड, वाटर कैनन आदि तैनात हैं.
जाम हुआ तो नपेंगे अधिकारी
थाना प्रभारियों और मजिस्ट्रेट को चेतावनी दी गई है कि शहर में कहीं भी आगजनी होती है या सड़क जाम होता है तो संबंधित अधिकारी नपेंगे. बंद के दौरान यदि किसी ने टायर भी जलाया तो उसे हिरासत में लिया जाएगा. दुकानों व वाहनों में तोड़फोड़ करने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा. छह माह से दस साल तक की सजा भी हो सकती है.