दिल्लीफीचर्डराजनीति

AAP के विधायकों की किस्मत का फैसला आज

हाल ही में चुनाव आयोग की राष्ट्रपति को भेजी गई 21 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली सिफारिश को मंजूरी के बाद अब दिल्ली के विधायकों ने एक बार फिर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले भी विधायकों ने याचिका दायर की थी, लेकिन उन याचिकाओं के निरर्थक हो जाने के बाद हाल ही में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि “राष्ट्रपति और चुनाव आयोग ने ‘अनुचित जल्दबाजी’ दिखाई.”AAP के विधायकों की किस्मत का फैसला आज

दिल्ली के इन विधायकों की संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति को लाभ का पद ठहराया गया था. विधायकों ने दावा किया कि उनका पक्ष सुने बगैर सिफारिश को मंजूरी देना नैसर्गिक और न्याय के खिलाफ है. उनकी याचिकाओं का जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस ए के चावला की पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया. पीठ ने याचिका को 24 जनवरी की सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है.

पांच विधायकों की तरफ से पेश वकील मनीष वशिष्ठ ने कहा, “चुनाव आयोग के निष्कर्ष संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत, अधिकारातीत, शुरूआत से ही शून्य हैं और लोकतंत्र के बुनियादी ताने-बाने पर हमला करते हैं.” इन विधायकों ने यह कदम तब उठाया है जब 20 विधायकों को लाभ का पद धारण करने पर अयोग्य ठहराने की चुनाव आयोग की सिफारिश को राष्ट्रपति के मंजूर कर लेने के बाद उन्होंने कल अपनी याचिकाएं वापस ले ली थीं. बीते 19 जनवरी को चुनाव आयोग ने 20 विधायकों को लाभ का पद धारण करने को लेकर अयोग्य ठहराने के लिये राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेजी थी. बाद में राष्ट्रपति ने इसे अपनी मंजूरी दे दी थी.

Related Articles

Back to top button