नई दिल्ली: कांग्रेस में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फिर से कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस के पास कोई अध्यक्ष नहीं है। उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की है। सिब्बल ने कहा, ‘मैं आपसे उन कांग्रेसियों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस वर्किंग कमेटी और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए पत्र लिखा था और हम अभी तक इसका इंतजार कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि लोगों के कांग्रेस छोड़ने पर खुद से सवाल है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद पार्टी छोड़कर चले गए। लोगों का पार्टी से जाना बंद नहीं हुआ तो पार्टी का भारी नुकसान होगा। मैं पार्टी का नुकसान होते नहीं देख सकता। मैं पार्टी के साथ हूं, किसी व्यक्ति के साथ नहीं। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी में चर्चा हो कि ऐसा क्यों हो रहा है। सोचना होगा कि कांग्रेस कैसे आगे बढ़े। पार्टी के अंदर संवाद की जरूरत है। आपसी बातचीत से मामले सुलझाए जाएं। सिब्बल ने कहा कि मैंने कभी पार्टी के खिलाफ बयान नहीं दिया। उन्होंने मजबूत विपक्ष की बात उठाते हुए कहा कि कांग्रेस को मजबूत होना होगा। अगर कांग्रेस कमजोर होगी तो विपक्ष भी कमजोर होगा। हम संसद में अपनी आवाज कैसे उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि जो लोग इनके खासमखास थे, वो तो इनको छोड़के चले गए और जो लोग ये समझते हैं, इनके खासमखास नहीं हैं, वो आज भी उनके साथ हैं। कांग्रेस पार्टी की स्थिति यही है। मैं तो यही कहूंगा कि हिन्दुस्तान के हर कांग्रेसी को अब ये सोचना चाहिए कि पार्टी कैसे आगे मजबूत की जाए, पार्टी आगे कैसे बढ़े? मैं तो यह भी कहूंगा कि ये जो कांग्रेसी हमें छोड़कर चले गए, वापस आएं। कांग्रेस एक विचारधारा है जो इस देश की बुनियाद है, जिसके आधार पर हमारी रिपब्लिक बनी थी, उसको कांग्रेस बरकरार रख सकती है।