वाराणसी : बनारस में पिछले माह से अब तक अचानक हार्ट अटैक होने से तीन मौत हो चुकी हैं। पिछले माह की 12 तारीख को गाजीपुर के जमुआ निवासी टैक्सी चालक उमाशंकर एयरपोर्ट से यात्रियों को लेकर शहर आ रहा था। भोजूबीर के पास कार में उसे दिल का दौरा पड़ गया। संयोग था कि कार की गति धीमी थी। कार किनारे से चल रही थी। दौरा पड़ने के बाद कार से उमाशंकर का नियंत्रण हटा गया। खड़ी बाइक में टक्कर मार दी। लोग पहुंचे तो उमाशंकर सीट पर मृत पड़े थे।
25 तारीख को आर्टीफिशियल गहनों के कारोबारी चेतगंज निवासी 40 वर्षीय मनोज विश्वकर्मा की पत्नी पूनम की बुआ के बेटे की शादी बरेका स्थित एक लॉन में थी। रात में डांस करते अचानक दिल का दौरा पड़ा और वह गिर पड़े। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। चार दिसंबर को हरहुआ चौराहे पर ऑटो स्टैंड के पास 54 वर्षीय बेचूलाल गोंड अपने वाहन में बैठे थे। अचानक वह लुढ़क गए। साथियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
युवाओं की धड़कन की रफ्तार बढ़ रही है। नेचर पत्रिका में छपे एक लेख में बताया गया है कि कोरोना संक्रमित जो लोग आईसीयू में भर्ती हुए उनमें दिल की सूजन का खतरा 20 गुना तक बढ़ गया है। होम आइसोलेशन में भी ठीक हुए लोगों में भी खतरा आठ गुना अधिक है। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना शरीर की कोशिकाओं के ऐसे प्रोटीन से चिपकता है, जो दिल में पहुंचते हैं। इसके अलावा संक्रमण दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है। बीएचयू हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. ओमशंकर ने बताया कि कोरोना के बाद धड़कन असामान्य होना, दिल की मांसपेशियों का कमजोर होना, खून का थक्का फेफड़ों तक पहुंच जाना जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। इससे हार्टअटैक के करीब 25 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं।
कई शोध में खुलासा
- अमेरिका के ह्यूस्टन फायर विभाग के मुताबिक,कोरोना काल में हृदय गति रुकने की कॉल की संख्या 45 फीसदी तक बढ़ी हैं।
- इटली के अध्ययन के मुताबिक कोरोना की वजह से अस्पताल के बाहर अचानक हृदय गति रुकने के मामले 77 फीसदी तक बढ़े हैं।
- फ्रांस में हुए शोध के अनुसार पेरिस में भी कोरोना के दौरान अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट के मामले दोगुना बढ़े हैं।