नई दिल्ली : बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में जमानत मिलने के बाद कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने मामले को राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया।
इस मामले में एक अदालत द्वारा उन्हें, राजद प्रमुख और उनके पिता लालू प्रसाद यादव, उनकी मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा उनकी बहन और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को जमानत दिए जाने के बाद यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ”हमें न्यायपालिका पूरा भरोसा है। और हमें न्याय मिला है।” उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह रेलवे घोटाले से जुड़े हुये नहीं हो सकते। वह तब छात्र थे और दिल्ली के आरके पुरम इलाके में पढ़ते थे और क्रिकेट भी खेलते थे।
उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह राजनीतिक प्रतिशोध के तहत किया जा रहा है। आज आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के खिलाफ और कल पत्रकारों के परिसरों पर तलाशी ली गई। यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के तहत किया जा रहा है।” राजद नेता ने कहा, ”अगर आप सच बोलेंगे और सत्ता से जवाब मांगेंगे तो ऐसी चीजें होंगी।”
तेजस्वी यादव ने कहा, “मैंने कई बार कहा है कि पिछले साल जब हमारी सरकार बनी थी, उसी दिन मैंने भविष्यवाणी की थी कि तलाशी और छापे शुरू होंगे। मेरा नाम आरोप पत्र में नहीं था लेकिन पूरक आरोप पत्र में डाल दिया गया था।”
उन्होंने यह भी कहा, “अगर आप भाजपा के विरुद्ध लड़ेंगे तो यही होगा। और अगर आप भाजपा के साथ रहेंगे तो सब कुछ साफ हो जाएगा।” उनकी यह टिप्पणी दिल्ली की एक अदालत द्वारा बुधवार को कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू प्रसाद, उनके बेटे और पत्नी को जमानत दिए जाने के बाद आई है।
अदालत ने 22 सितंबर को राजद सुप्रीमो, उनके बेटे और पत्नी सहित अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक नए आरोप पत्र पर संज्ञान लिया। चूंकि जांच एजेंसी ने जमानत का विरोध नहीं किया, राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने यादव परिवार को जमानत दे दी।