पीयूष जैन के बाद सपा MLC पर शिकंजा, पुष्पराज जैन के ठिकानों पर IT की रेड
कन्नौज : कन्नौज शहर के इत्र कारोबारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। कानपुर और कन्नौज में पीयूष जैन के घर से 194 करोड़ रुपए और 23 किलो सोना मिलने के बाद डीजीजीआई के निशाने पर टैक्स चोरी की आशंका वाले कई और कारोबारी आ गए हैं। ऐसे में शुक्रवार की सुबह-सुबह डीजीजीआई विजिलेंस की टीम दो बड़े इत्र कारोबारियों के यहां पहुंची। इनमें से एक समाजवादी पार्टी के एमएलसी पुष्पराज पम्पी हैं और दूसरे मलिक मियां। बताया जा रहा है कि यूपी के अलग-अलग 50 स्थानों पर छापामारी चल रही है। नोएडा, कानपुर सहित कई ठिकानों पर छापे पड़े हैं।
बता दें कि इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन अखिलेश यादव के करीबी है और हाल में उन्होंने समाजवादी इत्र लांच किया था। आज अखिलेश यादव कन्नौज में प्रेसवार्ता करने आ रहे थे उनके आने से पहले शुरू हुई कारवाई को लेकर हलचल बढ़ गई। उधर, इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित आवासों से मिली 197 करोड़ रुपये की नकदी को सीज कर डीजीजीआई ने शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन से उसके कारोबारी रिश्तों की जांच शुरू कर दी है।
बताते चलें कि बीते वर्षों के दौरान इनके बीच हुए कारोबार की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच एजेंसी यह पता कर रही है कि इनके बीच कितने साल से कारोबार चल रहा है, ट्रांसपोर्टर की इसमें क्या भूमिका है, कितने ट्रकों से कर चोरी या कैश इधर-उधर किया जा रहा था? डीजीजीआई (महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस) अहमदाबाद की टीम ने 22 दिसंबर को तीनों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। सूत्रों के अनुसार, कंपाउंड, पान मसाला और ट्रांसपोर्ट का एक-दूसरे से सीधा संबंध है। इस कारोबार में सबसे ज्यादा कर चोरी की संभावना होती है।
इस मामले में भी बड़े पैमाने पर कर चोरी पकड़ी गई है। पीयूष के शहर स्थित आवास से 177.45 करोड़ और कन्नौज स्थित आवास से 19 करोड़ रुपये मिले हैं। कोर्ट में पेश दस्तावेजों में पीयूष के बयानों के आधार पर डीजीजीआई ने इस धनराशि को टर्नओवर माना है। प्रारंभिक छानबीन के बाद इत्र कारोबारी को जीएसटी अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। नकदी भी एसबीआई में जमा कर दी गई है। नियमानुसार इसकी एफडीआर बनवा दी गई। अब पान मसाला कारोबारी और ट्रांसपोर्टर की जांच तेज कर दी गई है।
ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन जीएसटी में कई बार ब्लैकलिस्ट हो चुका है। उस पर कर चोरी, ट्रक को पास कराने संबंधी तमाम आरोप लग चुके हैं। अब विभागीय अफसर उसके खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़ी जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि कर चोरी के पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके।