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हर तरीका आजमाने के बाद आयुर्वेद की ओर लौट रही दुनिया, 30 देशों ने अपना लिया: पीएम मोदी

पंडजी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश को 3 राष्ट्रीय आयुष संस्थानों की सौगात दी। उन्होंने कहा कि इलाज के अलग-अलग तरीके आजमाने के बाद दुनिया आयुर्वेद का रुख कर रही है। पीएम मोदी नौवें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन और आरोग्य एक्सपो के समापन सत्र को संबोधित करने के लिए गोवा पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने आयुर्वेद को लेकर रिसर्च एसोसिएशन का भी ऐलान किया है।

पीएम मोदी ने रविवार को गोवा स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान और दिल्ली स्थित राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान का गोवा से उद्घाटन किया। भाषा के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस बात को लेकर खुशी व्यक्त की कि 30 से अधिक देशों ने आयुर्वेद को पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘हमें इसे और देशों में फैलाना चाहिए और आयुर्वेद को मान्यता देनी चाहिए।’

पीएम मोदी नौवें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन और आरोग्य एक्सपो के समापन सत्र को संबोधित करने के लिए गोवा पहुंचे। आयुष मंत्रालय की ओर से आयोजित आयुर्वेद सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग समझते हैं कि आयुर्वेद, सिर्फ इलाज के लिए है लेकिन इसकी खूबी ये भी है कि आयुर्वेद हमें जीवन जीने का तरीका सिखाता है। आयुर्वेद हमें सिखाता है कि हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की तरह शरीर और मन एक साथ स्वस्थ रहने चाहिए, उनमें समन्वय रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद इलाज से आगे बढ़कर कल्याण की बात करता है और कल्याण को बढ़ावा देता है। विश्व भी अब तमाम परिवर्तनों और प्रचलनों से निकलकर इस प्राचीन जीवन दर्शन की तरफ लौट रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत में इसको लेकर बहुत पहले से ही काम शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे यकीन है कि ये तीनों संस्थान आयुष हेल्थ केयर व्यवस्था को नई गति देंगे।

  • दिल्ली का पहला होम्योपैथी से इलाज की सुविधा वाला राष्ट्रीय संस्थान
  • 100 बिस्तरों वाला अस्पताल
  • 120 सीटें परास्नातक और शोध के छात्रों के लिए

राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद

  • दिल्ली, हरियाणा, यूपी समेत उत्तरी राज्यों के लोगों को यूनानी चिकित्सा देने वाला पहला अत्याधुनिक संस्थान
  • 200 बेड और ओपीडी की सुविधा
  • 120 सीटें पीजी और डॉक्टरेट की एकजुट ताकत और प्रगति से भारत विकसित देश बन सकता है। जब विकास के प्रति हमारा दृष्टिकोण संकीर्ण होता है तो अवसर भी सीमित होते हैं। मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत मराठी भाषा में की। उन्होंने 11 विकास परियोजनाओं को महाराष्ट्र का रत्न बताया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार राज्य में विकास को गति दे रही है।

पीएम ने आयुर्वेद के लिए साक्ष्य-आधारित डाटाबेस के निर्माण की आवश्यकता का भी जिक्र किया, जो आधुनिक विज्ञान के मापदंडों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान और उपचार साक्ष्य-आधारित डाटाबेस पर भरोसा करते हैं। इस तरह का एक डाटाबेस तैयार करने की आवश्यकता है। मोदी ने कहा कि आयुष उद्योग आठ साल पहले 20,000 करोड़ रुपये का था, जो बढ़कर 1.50 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में इसका बाजार और बढ़ रहा है। हमें औषधीय पौधरोपण से लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए। मोदी ने कहा कि इससे अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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