अखिलेश नए नेताजी, नेतृत्व स्वीकार करने में गुरेज नहीं; चाचा शिवपाल यादव के तेवर पड़े नरम
इटावा: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उनके भतीजे एवं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव परिपक्व होकर नये नेता जी बन गए हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का नेतृत्व स्वीकार करने मे कोई भी गुरेज नही है । यूपी रोडवेज एंप्लॉयीज यूनियन के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा कि पिछले दिनो उनकी अखिलेश यादव से लखनऊ मे लंबी और अच्छी बातचीत हो चुकी है। इस दौरान परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। उन्होने कहा कि विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद ही सपा और प्रसपा के बीच सीटों का बंटवारा तय हो जाएगा।
शिवपाल बोले- मैंने ही ट्रे्निंग दी थी, अब परफेक्ट हुए अखिलेश
हालांकि वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी के जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट मिल जाए । शिवपाल ने कहा कि मैंने इस बात को भी स्वीकार कर लिया है कि सपा के नए नेताजी अखिलेश यादव ही हैं। मैं चाहता हूं कि अखिलेश एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें। शिवपाल यह भी कहने से नही चूके कि अखिलेश को कभी उन्होने ही राजनीति की ट्रेनिंग दी लेकिन आज अखिलेश परफेक्ट हो गए हैं। उन्होने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद तो दिया ही, उनके और अखिलेश के दिल भी मिल गए और दोनों के बीच की दूरी भी घट गई हैं।
चाचा ने बताया, भतीजे अखिलेश से मिलकर क्या रखी मांग
प्रसपा अध्यक्ष ने कहा कि इस दौरान सीटों पर कोई बात नहीं हुई। अभी कई दौर की बैठके होंगी। चुनाव के ऐलान के बाद मिल कर बात करेंगे। सीटों के बंटवारे को लेकर कोई अवरोध नहीं आएगा। इस पर हम राजी हो गए हैं। उन्होने कहा कि मैंने अखिलेश के सामने अपनी बात यह कह कर रख दी है कि जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट दे दीजिए। अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाना है, इस पर वह तैयार हो गए। शिवपाल ने कहा कि हमने पुरानी बातों को खत्म कर दिया है। सपा में 40-45 साल काम किया है। बहुत से आंदोलन हुए हैं। कई लोग इसमें शहीद भी हुए हैं। फैसले लिए जाते हैं, पार्टी को आगे बढ़ाना है, तो त्याग और संघर्ष करने पड़ते हैं।
कहा- अब हम सिर्फ सलाह देंगे, मन में कोई मलाल नहीं
अब उनके अंदर कोई मलाल नहीं है, बस सिर्फ हम अपनी बात रख देंगे और सलाह दे देंगे। ऐसे मे अखिलेश जो भी फैसला लेंगे, उसे हम मानने के लिए तैयार हैं। उन्होने कहा कि सपा और प्रसपा के गठबंधन के बाद अब दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बटवारें पर जल्द मुहर लग सकती है। यादव ने साफ किया है कि सपा-प्रसपा में सीटों को लेकर कोई मतभेद नहीं है। 2022 का विधानसभा चुनाव धर्मयुद्ध है, इसे जीतने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मिलकर कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।