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तनाव के बीच कनाडा के रक्षा मंत्री ने भारत के साथ संबंधों को बताया बहुत अहम

ओटावा : कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने भारत (India) के साथ संबंधों को बहुत अहम बताते हुए कहा है कि उनका देश इंडो-पैसिफिक रणनीति जैसी साझेदारियों को आगे बढ़ाता रहेगा. ब्लेयर ने कहा कि भारत के साथ महत्वपूर्ण गठजोड़ तब भी बना रहेगा जब उनका देश एक सिख अलगाववादी सरगना की हत्या की जांच कर रहा है. एक इंटरव्यू में ब्लेयर ने कहा कि ‘हम समझते हैं कि भारत के साथ हमारे संबंधों के संबंध में यह एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा हो सकता है और ऐसा साबित भी हुआ है. लेकिन साथ ही हमारी जिम्मेदारी है कि हम कानून की रक्षा करें, अपने नागरिकों की रक्षा करें और साथ ही यह सुनिश्चित करें कि हम पूरी जांच करें और सच्चाई तक पहुंचें।’

कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने कहा कि ‘अगर आरोप सही साबित होते हैं तो कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में हमारी संप्रभुता के उल्लंघन के बारे में कनाडा को बहुत बड़ी चिंता होगी.’ ब्लेयर ने कहा कि इंडो-पैसिफिक रणनीति अभी भी कनाडा के लिए महत्वपूर्ण है और इससे इलाके में सैन्य मौजूदगी में बढ़ोतरी हुई है और आगे की गश्त क्षमताओं के लिए सबकी प्रतिबद्धताएं बढ़ी हैं. यह रणनीति उन सैनिक प्राथमिकताओं के लिए पांच साल में 492.9 मिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान देती है. जबकि इसी दौरान कुल लगभग 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रकम इस पर खर्च होने वाली है।

ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के ‘संभावित’ रूप से शामिल होने के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विस्फोटक आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. भारत ने कड़ाई के साथ इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया. इस मामले पर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी के देश से बाहर निकालने के बदले में भारत ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश से बाहर कर दिया।

कनाडा भारत के साथ गहरे व्यापार, रक्षा और आव्रजन संबंधों की इच्छा रखता है. मगर ट्रूडो के संसद में भारत के बारे में लगाए गए आरोपों के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है. भारत ने कनाडा से अपनी धरती से सक्रिय आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों पर सख्ती बरतने को कहा और कनाडाई लोगों के लिए वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया. निज्जर की हत्या पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ने उनके संबंधों को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है. भारत ने कनाडा से देश में अपने राजनयिक कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए भी कहा. भारत ने यह तर्क दिया कि आपसी राजनयिक मौजूदगी में ताकत और रैंक में बराबरी होनी चाहिए. भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या कनाडा में भारतीय राजनयिकों की संख्या से ज्यादा है।

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