जम्मू-कश्मीर के लोगों को अमित शाह ने बताया पूरा रोडमैप, परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में त्रि-स्तरीय रणनीति पर काम कर रही केंद्र सरकार अपनी नीति में फिलहाल कोई बदलाव करने नहीं जा रही है। जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने की जमीन तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसमें परिसीमन समेत कई मुद्दों पर काम हो रहा है। उसके बाद चुनाव होंगे और फिर राज्य का दर्जा बहाल होगा। गृह मंत्री अमित शाह का दौरा इस बात का साफ संकेत है कि केंद्र सरकार आतंकवादियों के साथ सख्ती से निपटेगी और विकास की प्रक्रिया को बदस्तूर जारी रखा जाएगा। हाल के महीनों में केंद्र के करीब 40 मंत्रियों ने इस केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया है।
गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू-कश्मीर का मौजूदा दौरा पहले से ही प्रस्तावित था। वह केंद्रीय मंत्रियों के लगातार चल रहे दौरों के क्रम में ही है। हालांकि, इस बीच प्रदेश में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि और जवाब में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में तेजी आई है। इससे गृह मंत्री का यह दौरा ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। शाह ने अपने दौरे के पहले दिन ही साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार वहां पर विकास की प्रक्रिया को बाधित नहीं होने देगी और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करेगी। आतंकवादियों को भी यह स्पष्ट संदेश है कि उनकी किसी भी कायराना हरकत से केंद्र के कदम पीछे नहीं हटेंगे बल्कि और सख्ती से उसका जवाब दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में केंद्र के मंत्रियों और संसद की विभिन्न स्थायी समितियों ने व्यापक दौरे किए हैं। लगभग 40 केंद्रीय मंत्री वहां का दौरा कर चुके हैं और 200 से ज्यादा सांसद विभिन्न संसदीय समितियों के जरिए वहां पहुंचे हैं। इसे राज्य को विकास की मुख्यधारा में लाने और वहां पर लोगों में विश्वास बहाली की दिशा में बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। नौगाम से वापसी के बाद शाह ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से आम नागरिकों ज्यादातर गैर-स्थानीय मजदूरों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की गई हत्याओं के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। सुरक्षा बलों द्वारा घुसपैठ रोधी उपायों की जानकारी दी अधिकारियों ने बताया कि यहां राजभवन में हुई बैठक के दौरान गृह मंत्री को केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों और सुरक्षा बलों द्वारा घुसपैठ रोधी उपायों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि बैठक में उप राज्यपाल और सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), पुलिस और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों सहित नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। विशेष रूप से यहां शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सूत्रों ने बताया, हाल में आम नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियों, करीब 5000 जवानों को घाटी में तैनात किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के कई इलाकों के साथ कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में सीआरपीएफ के बंकर बनाए गए हैं। वर्ष 2019 में शाह जब घाटी के दौरे पर आए थे तब भी उन्होंने एक शहीद पुलिस अधिकारी के परिजनों से मुलाकात की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जाना दिखावटी कदम है, जो जम्मू-कश्मीर में वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से गृह मंत्री की यात्रा इस साल जून में प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं को दिए गए आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी।