नेपाल में भूकंप से कम से कम 128 लोगों की मौत, दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गए झटके
नई दिल्ली : नेपाल में शुक्रवार की रात रिक्टर पैमाने पर 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। एक महीने में तीसरी बार नेपाल में बड़ा भूकंप आया है। शुक्रवार की रात आए भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए। इसे देखते हुए एक भूकंपविज्ञानी ने चेतावनी दी कि उत्तर भारत के लोगों को सतर्क और तैयार रहना चाहिए। भूकंपीय बेल्ट सक्रिय है। नेपाल में आए भूकंप का केंद्र उस जगह था जिसे सक्रिय रूप से ऊर्जा जारी करने वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है।
भूकंपविज्ञानी अजय पॉल ने कहा कि शुक्रवार को आए भूकंप का केंद्र नेपाल के डोटी जिले के करीब के क्षेत्र में था। नवंबर 2022 में इसी जिले में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। तीन अक्टूबर को नेपाल में इसी क्षेत्र में कई भूकंप आए थे। यह क्षेत्र नेपाल के मध्य बेल्ट (हालांकि थोड़ा पश्चिम) में स्थित हैं। इस क्षेत्र से सक्रिय रूप से ऊर्जा रिलीज हो रही है। लगातार आ रहे भूकंप से पता चलता है कि भूकंपीय बेल्ट सक्रिय है। इसके चलते कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है और इसका असर पूरे उत्तर भारत में दिख सकता है। इसके चलते उत्तर भारत के लोगों को सतर्क और तैयार रहने की जरूरत है। अजय पॉल पहले वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी में काम कर चुके हैं।
कई वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि हिमालय क्षेत्र में ‘कभी भी’ एक बड़ा भूकंप आ सकता है। इस क्षेत्र में भारतीय टेक्टोनिक प्लेट उत्तर की ओर बढ़ रही है। यह यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, जिसके चलते जमीन के अंदर बड़ा दबाव बन रहा है। इसी दबाव को रिलीज करने के लिए भूकंप आते हैं। लगभग 40-50 मिलियन वर्ष पहले जब भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट का टकराव शुरू हुआ था। भारतीय प्लेट हिंद महासागर से उत्तर की ओर बढ़ी थी। इस टकराव के चलते हिमालय का निर्माण हुआ। भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट का टकराव जारी है, जिससे हिमालय की ऊंचाई बढ़ रही है।
वैज्ञानिकों के अनुसार भारतीय प्लेट उत्तर की ओर बढ़ रही है, जिससे यूरेशियन प्लेट के साथ संघर्ष पैदा हो रहा है। इसके चलते हिमालय के नीचे दबाव बन रहा है। यह दबाव एक या कई बड़े भूकंपों के माध्यम से रिलीज होगा। अगर ऐसा होता है तो रिक्टर पैमाने पर आठ से अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है। इससे लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ेगा। हालांकि, सटीक भविष्यवाणी करने का कोई तरीका नहीं है कि वास्तव में इतना बड़ा भूकंप कब आएगा।