B’Day Spcl: मुलायम सिंह यादव ने ऐसे तय किया पहलवानी से राजनीति का सफर
यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक घराने के मुखिया और समाजवादी पार्टी के संरक्षक एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव किसी परिचय के मोहताज नहीं है। आज मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन है। भारत सरकार में वह रक्षा मंत्री का पद भार भी संभाल चुके हैं। तीन बार यूपी के सीएम रहे मुलायम सिंह यादव आज अपना 81वां जन्मदिन मना रहे हैं।
करीब छह दशक की सक्रिय राजनीतिक पारी खेल चुके मुलायम सिंह यादव के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन यूपी की सियासत में उनका रूतबा हमेशा बरकरार रहा। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा परिवार में कलह की खबरे भी सामने आईं पर इस सब के बावजूद वो मजबूती से डटे रहे। 22 नवम्बर, 1939 को इटावा जिले के सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव को उनके पिता सुघर सिंह पहलवान बनाना चाहते थे।
इसके लिए मुलायम सिंह को अखाड़े में उतार दिया गया, लेकिन उनकी किस्मत में तो किसी और ही अखाड़ें में अपना दमखम दिखाना चाहती थी। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले मुलायम सिंह के पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ति देवी है।
वह अपने पांच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल सिंह यादव और कमला देवी से बड़े हैं। मुलायम सिंह की पहली शादी मालती देवी से हुई थी, जिनका मई 2003 में देहांत हो गया था। अखिलेश यादव मालती देवी के ही बेटे हैं।
बाद में मुलायम सिंह यादव ने साधना यादव से दूसरी शादी की। प्रतीक यादव उनके दूसरे बेटे हैं। मुलायम सिंह यादव पहली बार साल 1967 में अपने गृह जनपद इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी।
इसके बाद से वो लगातार साल 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे। इसी दौरान साल 1977 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने। इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले मुलायम के जीवन का अहम पड़ाव साल 1989 में सामने आया, जब उन्होंने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली।
मुलायम सिंह 1985-87 तक जनता दल के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने 1980 में लोकदल के अध्यक्ष पद की कुर्सी भी संभाली। मुलायम ने साल 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी और अगले ही साल यानी 1993 में दूसरी बार यूपी के सीएम बने।