नई दिल्ली: सरकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2017 से 30 नवंबर 2021 के दौरान आम नागरिकों की हत्याओं की संख्या हर साल 37 से 40 के बीच में रही है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच वर्षों-2017 से 2021 (30 नवंबर) के दौरान आम नागरिकों की हत्याओं की संख्या प्रति वर्ष 37 से 40 के बीच में रही है.’
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा कुछ आम नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिशों के बावजूद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर कश्मीर घाटी में लगातार रुके हुए थे और कड़ाके की सर्दी शुरू होने पर पहले की भांति वहां से चले गए थे. साथ ही, पिछले कुछ महीनों के दौरान जम्मू और कश्मीर में बड़ी संख्या में पर्यटक आए हैं.
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने जम्मू और कश्मीर में बाहर के आम नागरिकों समेत आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. एक सशक्त सुरक्षा और आसूचना ग्रिड मौजूद है. क्षेत्र में दिन-रात नियंत्रण और गश्त तथा आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं.’
राय ने कहा कि इसके अलावा, जम्मू और कश्मीर में किसी भी आतंकवादी हमले को नाकाम करने के लिए नाकों पर 24 घंटे जांच की जाती है. बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से आतंकी हमलों में मरने वाले नागरिकों की संख्या बढ़ने की बात सामने आई थी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चला था कि पांच अगस्त 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर में हर महीने आतंकी हमले में औसतन 3.2 मौतें हुई हैं जबकि इसके पहले तक हर महीने 2.8 मौतें होती थीं.
मई 2014 और पांच अगस्त 2019 के बीच (63 महीनों के दौरान) आतंकी हमलों में जम्मू कश्मीर में 177 नागरिक मारे गए थे जबकि उसके बाद नवंबर 2021 तक के 27 महीनों में 87 नागरिकों की मौत हुई थी. इनमें से 40 से अधिक की मौत अकेले इसी साल हुई है.